इंदौर। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि वनवासी समाज की हलमा परंपरा को समूचे मध्य प्रदेश में विस्तारित किया जाएगा। सरकार, समाज के साथ मिलकर काम करेगी और मिट्टी तथा जल बचाने का जतन कर पर्यावरण को संरक्षित करेगी। मुख्यमंत्री चौहान आज झाबुआ में परमार्थ की समृद्ध परंपरा हलमा में शामिल हुए। कार्यक्रम में शामिल होने के लिए मुख्यमंत्री चौहान भोपाल से यहाँ गैती साथ में लेकर पहुँचे थे। कार्यक्रम में शिवगंगा अभियान के महेश शर्मा, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष हर्ष सिंह चौहान, अनंत नाइक, वी. सतीश, सांसद गुमान सिंह डामोर, शिवगंगा के राजाराम कटारा, सामाजिक संत कालूराम महाराज, निर्मला भूरिया, कलसिंह डामोर सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिवगंगा अभियान के महेश शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हलमा में शामिल होकर राजधर्म का परिचय दिया है। उन्होंने उदाहरण देकर बताया कि पुराने समय में इस हलमा परंपरा से हज़ारों की संख्या में तालाब बनते थे। जिसमें राजा इसी तरह शामिल होकर श्रमदान करते थे। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार और समाज मिलकर खड़े हो जाएँ तो समूचा परिदृश्य बदल सकता है। समाज के संकल्प को सरकार के संसाधन मिलेंगे तो हम एक नया परिदृश्य निर्मित कर सकते हैं। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि वनवासी समाज की हलमा परंपरा अद्वितीय है। यह संकट में खड़े मनुष्य की सहायता का संदेश देती है। उन्होंने कहा कि हलमा कि इस परंपरा को समूचे मध्य प्रदेश में विस्तारित करते हुए जल संरक्षण, मिट्टी संरक्षण और पर्यावरण संरक्षण का कार्य करेंगे। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित सभी जनों को इस आशय का संकल्प भी दिलाया। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आज वे यहाँ हलमा मंक आए सभी परमार्थियों का स्वागत और अभिनन्दन करने के लिए आए हैं। उन्होंने शिवगंगा परिवार को हलमा की अद्भुत परंपरा को पुनर्जीवित करने और प्रतिष्ठा प्रदान करने के लिए बधाई और साधुवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी परंपरा है जिससे हम प्रकृति को ग्लोबल वार्मिंग से बचा सकते हैं। उन्होंने इस बात पर हर्ष व्यक्त किया कि हाथीपावा की इस पहाड़ी से यह अलख गाँव-गाँव पहुँच रही है। उन्होंने वनवासी समाज से आग्रह किया कि वे इस महान परंपरा को सतत बनाए रखें।
मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में पेसा एक्ट के संबंध में विस्तार से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि यह एक सामाजिक क्रांति का माध्यम है। वनवासी समाज को अधिकार संपन्न बनाने में पेसा एक्ट की अहम भूमिका रहेगी। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि मध्य प्रदेश में विशेष तौर पर आदिवासी अंचल में धर्म परिवर्तन का कुचक्र नहीं चलने दिया जाएगा। साथ ही छल-कपट से आदिवासियों की ज़मीन छीनने की कोशिशों को सख़्ती से नकारा जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम में लाड़ली बहना योजना की भी विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के प्रारंभ में सांसद गुमान सिंह डामोर ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चौहान अपने साथ भोपाल से गैती लेकर यहाँ पहुँचे हैं। यह हमारी परंपरा का सम्मान है, क्योंकि हलमा में पहुँचने वाले सभी वनवासी बंधु भी इसी तरह गैती लेकर पहुँचते हैं।
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कार्यक्रम के प्रारंभ में शिवगंगा अभियान के राजाराम कटारा ने हलमा की परंपरा के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इस आयोजन के लिए दो माह से निमंत्रण दिया जा रहा था। वह निमंत्रण भी भावात्मक प्रकार से गीत गाते हुए दिया जाता है। कार्यक्रम में डॉ. दीपमाला रावत ने पेसा एक्ट के जनक स्व. दिलीप सिंह भूरिया पर केंद्रित प्रशस्ति पत्र का वाचन किया। मुख्यमंत्री चौहान ने अन्य अतिथियों के साथ यह प्रशस्ति पत्र स्व. दिलीप सिंह भूरिया की पुत्री निर्मला भूरिया को प्रदान किया। कार्यक्रम में आज विकास यात्रा के समापन अवसर पर मुख्यमंत्री चौहान ने विभिन्न योजनाओं के हितग्राहियों को हितलाभ प्रदान किया और विभिन्न निर्माण कार्यों का भूमिपूजन एवं लोकार्पण भी किया।
हाथीपावा पहाड़ी पर मुख्यमंत्री ने किया श्रमदान
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने हाथीपावा पहाड़ी में श्रमदान भी किया। उन्होंने यहाँ जल संरक्षण के लिए बनाए जा रहे गड्ढे के लिए गैती चलायी। उन्होंने पहाड़ी में पीपल के वृक्ष का रोपण भी किया। मुख्यमंत्री चौहान के झाबुआ पहुँचने पर हैलीपेड में सांसद गुमान सिंह डामोर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों और संभागायुक्त डॉ.पवन कुमार शर्मा, पुलिस महानिरीक्षक राकेश कुमार गुप्ता, डीआईजी चंद्रशेखर सोलंकी और कलेक्टर रजनी सिंह ने उनका स्वागत किया।