केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गड़करी ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले उन्हें प्रधानमंत्री पद की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया। गड़करी के मुताबिक, यह प्रस्ताव विपक्ष के एक वरिष्ठ नेता ने दिया था, लेकिन उन्होंने यह कहते हुए मना कर दिया कि उन्हें इस पद की कोई लालसा नहीं है।
नागपुर में एक पत्रकारिता पुरस्कार समारोह के दौरान, गड़करी ने इस घटना का विवरण साझा किया। उन्होंने कहा कि नेता ने उन्हें आश्वासन दिया था कि यदि वह प्रधानमंत्री बनते हैं, तो उनका समर्थन प्राप्त होगा। गड़करी ने उस नेता से पूछा कि क्यों वे उनका समर्थन करना चाहते हैं और क्यों वे उनका समर्थन स्वीकार करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रधानमंत्री बनना उनके जीवन का उद्देश्य नहीं है।
गड़करी ने अपनी विचारधारा और संगठन के प्रति अपनी वफादारी को उजागर किया। उन्होंने बताया कि वह अपनी पार्टी के प्रति पूरी तरह वफादार हैं, जिसने उन्हें बहुत कुछ दिया है। उन्होंने कहा कि किसी भी पद की पेशकश उन्हें लुभा नहीं सकती और उनका ध्यान केवल अपनी विचारधारा और संगठन पर है।
समारोह के दौरान, गड़करी ने पत्रकारिता और राजनीति दोनों में नैतिकता के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से विरोध करने वाले व्यक्तियों का सम्मान किया जाना चाहिए और लोकतंत्र तब सफल होता है जब न्यायपालिका, कार्यपालिका, विधायिका और मीडिया जैसे चारों स्तंभ नैतिकता का पालन करें।
गड़करी ने 2023-24 के लिए पत्रकारिता में उत्कृष्टता के लिए चार वरिष्ठ पत्रकारों को अनिल कुमार पुरस्कार से सम्मानित किया।
गड़करी की पार्टी और संघ में एक खास पहचान है। 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उनका नाम प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवारों में शामिल हुआ था, लेकिन उन्होंने इसे भी खारिज कर दिया था और कहा था कि देश की नेतृत्व की बागडोर नरेंद्र मोदी के हाथों में है।