मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के 75,598 शिक्षकों को नया आदेश जारी किया है। अब सभी शिक्षकों को अपने शैक्षिक कार्य टैबलेट पर करना होगा और स्मार्ट क्लास भी लेनी होगी। इस योजना के तहत, शिक्षकों को नवंबर के पहले सप्ताह तक टैबलेट खरीदकर उसका बिल सरकार को भेजना होगा।
इसके बाद, सरकार टैबलेट की लागत के रूप में प्रत्येक शिक्षक के खाते में 15,000 रुपए ट्रांसफर करेगी। इस प्रक्रिया से कुल 113 करोड़ 39 लाख 70 हजार रुपए का खर्च होगा, जो टैबलेट की खरीददारी पर लगाया जाएगा।
‘शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों को दिए टैबलेट खरीदी के निर्देश’
शिक्षा विभाग ने सभी कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे अपने जिले के शिक्षकों से टैबलेट की खरीदी की प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा कराएं। इस आदेश का उद्देश्य है कि 31 दिसंबर तक टैबलेट की खरीदी और संबंधित प्रक्रिया पूरी हो सके।
अभी तक, सरकार ने हाई स्कूल के शिक्षकों को पहले ही टैबलेट प्रदान कर दिए हैं। अब, नए निर्देशों के अनुसार, सभी शिक्षकों को अपने कार्य के लिए टैबलेट खरीदने होंगे। इन टैबलेट्स में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित सॉफ्टवेयर का होना अनिवार्य होगा।
‘टैबलेट की खरीदी और उपयोग की नई प्रक्रिया के निर्देश’
मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग ने हाल ही में एक नई प्रक्रिया की घोषणा की है जिसके तहत शिक्षक खुद टैबलेट खरीदेंगे। इस प्रक्रिया के अनुसार, शिक्षक टैबलेट की खरीदी और उसके स्पेसिफिकेशन को एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कार्पोरेशन (एमपीएसईडीसी) द्वारा तैयार किए गए माड्यूल में दर्ज करेंगे।
टैबलेट की खरीदारी के बाद, शिक्षक अपने बिल और अन्य आवश्यक दस्तावेज एमपीएसईडीसी को प्रस्तुत करेंगे। इसके आधार पर, सरकार शिक्षक के खाते में टैबलेट की लागत के रूप में 15,000 रुपए ट्रांसफर करेगी। एक बार टैबलेट की खरीद पूरी हो जाने के बाद, इसका उपयोग चार वर्षों तक ट्रैक किया जाएगा। चार साल के बाद, टैबलेट की कीमत जीरो मानी जाएगी, जिसका अर्थ है कि शिक्षक उसे व्यक्तिगत कार्यों के लिए स्वतंत्र रूप से इस्तेमाल कर सकते हैं।