धैर्यशील येवले इंदौर
दोस्ती में इतना तो कर लेता हूँ
ये जानते हुए भी की तेरी जेब में
खंजर है , तुझे गले लगा लेता हूँ
कुछ फैसले रब पे छोड़ देता हूँ।
डूबने नही दूंगा मुझे कहता रहा
मैं डूबने तक उसे सदा देता रहा
मेरी आदत है यकीन करने की
हर किसी पे भरोसा कर लेता हूँ
कुछ फैसले रब पे छोड़ देता हूँ।
मुझे रहम नही हक़ चाहिए था
मुझे दुनिया नही तू चाहिए था
सन तो लिए तूने हाथ मेरे खून में
न डर आ तेरे हाथ चुम लेता हूँ
कुछ फैसले रब पे छोड़ देता हूँ ।
याद कर हम साथ साथ चले थे
तेरी राह के कांटे मैंने ही चुने थे
ऊंचा उठाने के लिए मैं यारो को
अक्सर मेरे कंधों पे उठा लेता हूँ
कुछ फैसले रब पे छोड़ देता हूँ ।
तू हर मौसम में बदल जाता है
तुझे हर शै रंग बदलना आता है
काश तुझसा हुनर मुझे भी आता
मैंतोकातिल के हाथ चुम लेता हूँ
कुछ फैसले रब पे छोड़ देता हूँ।