इंदौर, 23 फरवरी-2022: कपड़ा या परिधान उद्योग इंदौर का पारंपरिक व्यवसाय है और यह अभी भी इंदौर की अर्थव्यवस्था का एक अभिन्न अंग है। कपड़े के निर्यात में कई फर्में शामिल हैं और ऐसी व्यावसायिक फर्में इंदौर की अर्थव्यवस्था के विकास में बहुत योगदान देती हैं। वहीं कपडा उद्योग के वैश्विक परिदृश्य की बात करें तो अमेरिका और भारत दुनिया भर में कपड़ा और कपड़ों के व्यापार में सबसे प्रमुख योगदानकर्ता हैं। दुनिया भर में सबसे ज्यादा परिधान आयात करने वाले देशों में अमेरिका शीर्ष पर है और भारत शीर्ष पांच निर्यातक देशों में शामिल है। वर्ष 2O2O में भारत से निर्यातित कपड़े का 35 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका ने लिया था।
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संयुक्त राज्य अमेरिका में कपड़े के व्यवसाय को भारतीय व्यापारियों के लिए ज्यादा लाभदायक बनाने हेतु एक ग्लोबल टेक्सटाइल ट्रेड फेयर का आयोजन 9, 10 और 11 जून 2022 को गैस साउथ कन्वेंशन सेंटर, अटलांटा, जीए, यूएसए में किया जा रहा है। इसके बारे में इंदौर के कपड़ा व्यवसाय से जुड़े व्यापारियों को विस्तारपूर्वक जानकारी देने के लिए बुधवार को अरोरा भवन, साउथ तुकोगंज में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह आयोजन ऑक्टेविया एक्सपोज़ियम एलएलपी द्वारा संकल्पित किया जा रहा है और संयुक्त रूप से दक्षिण गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (एसजीसीसीआई) के साथ आयोजित किया गया है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के बाजार में अवसरों के बारे में बात करते हुए टेक्सटाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष श्री अशोक वेदा ने कहा कि “आज तुर्की, कोरिया गणराज्य और वियतनाम शीर्ष वैश्विक परिधान निर्यातक देशों में सूचीबद्ध हैं जो सक्रिय रूप से व्यापार समझौतों में लगे हुए हैं। दूसरी ओर, भारत यूरोपीय संघ, अमेरिका और संयुक्त अरब अमीरात सहित प्रमुख परिधान आयातकों के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) नहीं करता है। भारत हाल के वर्षों में शीर्ष निर्यातक देशों में से एक रहा है और ऐसे जीटीटीएफ प्लेटफॉर्म के साथ भारत प्रतिस्पर्धा के बावजूद अपनी स्थिति को बेहतर बनाए रख सकता है।“
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ग्लोबल टेक्सटाइल ट्रेड फेयर के आयोजक और ऑक्टेविया एक्सपोज़ियम एलएलपी के सीईओ श्री संदीप पटेल ने आयोजन के की चुनौतियों और कार्य योजना के बारे में बात करते हुए कहा कि, “संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ व्यापारिक समझौते करने वाले अन्य निर्यातक देशों को अधिक लाभ होता है, इस प्रकार, हम उम्मीद कर रहे हैं कि यह मंच भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते को प्रोत्साहित करेगा। यह एक्सिबिशन संयुक्त राज्य अमेरिका में भारतीय कपड़ा उद्योग के बारे में जागरूकता को बढ़ाएगी और संयुक्त राज्य अमेरिका के कपड़ा आयातकों को भारत की ओर आकर्षित करेगी। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में केवल भारतीय प्रदर्शकों के साथ पहली टेक्सटाइल एक्सिबिशन होगी।
हम दोनों सरकारों की नीतियों पर चर्चा करने के साथ ही युक्त राज्य अमेरिका में टेक्निकल और टेक्नोलॉजी बाँटने वाले सेमिनार, प्रदर्शनों और सम्मेलनों का आयोजन करते हुए जून 2022 में संयुक्त राज्य अमेरिका में वैश्विक कपड़ा व्यापार मेले की मेजबानी करने की योजना बना रहे हैं। यूएसए के साथ व्यापार का ज्यादा से ज्यादा लाभ प्राप्त करने के लिए यूएसए जाना अधिक सफल रणनीति साबित होगी क्योंकि प्रदर्शकों को बातचीत करने के लिए अधिकतम आयातक मिलेंगे। साथ ही जी2जी बैठकें अधिक प्रभावी और कुशलता से आयोजित की जा सकती हैं।”
भारत प्रमुख रूप से शर्ट, टी-शर्ट और सिंगलेट का निर्यात करता हैं, लेकिन अमेरिका ने इन वस्तुओं पर 32 प्रतिशत की टैरिफ दर लगाई है। दक्षिण कोरिया को समान उत्पाद समूह के लिए अमेरिका से केवल 3.3 प्रतिशत टैरिफ दर देनी होती है। इससे कपड़े के निर्यात के क्षेत्र में भारत को नुकसान हो सकता है। तुलनात्मक रूप से, रेशम शॉल और स्कार्फ के निर्यात में भारत को अच्छा फायदा है, लेकिन भारत को अमेरिका में 11.3 प्रतिशत की उच्च टैरिफ दर पर व्यापार करना पड़ता है।
अपैरल एक्सपोर्ट प्रमोशन कॉउंसिल, द सदर्न गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री, द क्लॉथिंग मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया, तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन, तिरुपुर एक्सपोर्टर्स एंड मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (टीईएएमए), तिरुपुर एक्सपोर्ट निट प्रिंटर्स एसोसिएशन जैसे कपडा उद्योग से जुड़े कई बड़े संसथान इस आयोजन का समर्थन कर रहे हैं।
विशेषज्ञों और प्रतिभाशाली सलाहकारों के अनुसार, भारत को टेक्सटाइल 4.0 मैन्युफैक्चरिंग एक्सीलेंस की अवधारणा की मदद से वैश्विक बाजार में खुद को प्रतिस्पर्धी बनाने की जरूरत है। यूएस-चीन व्यापार युद्ध ने भारत के लिए बहुत सारे अवसर पैदा किए हैं, लेकिन हमें प्रतिस्पर्धी होने और स्मार्ट कारखानों के साथ प्रबंधन करने की आवश्यकता है। यह मंच उन गुणों को प्राप्त करने में योगदान दे सकता है।