आंखमऊ। पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद नेता शरद यादव (Sharad Yadav) का 75 वर्ष की आयु में गुरुग्राम के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया है। उन्होंने गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम जिले के माखननगर में स्थित उनके पैतृक ग्राम आंखमऊ में किया जाएगा।
मध्यप्रदेश में जन्म हुआ और बिहार की राजनीति में अपनी अलग पहचान रखने वाले शरद यादव का इस तरह से निधन हर किसी को दुख पहुंचा रहा है। JDU के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव का पार्थिव देह उनके गृह ग्राम आंखमऊ लाया जाएगा। उनके परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटी और एक बेटा है।

बता दें कि पूर्व केंद्रीय मंत्री और लगातार 13 साल जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे शरद यादव की मौत गुरुवार को गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल में कार्डियक अरेस्ट से हुई थी। उनकी मौत की खबर उनकी बेटी ने सोशल मीडिया के जरिये दी थी। उनकी बेटी और बेटे ने ट्वीट पर लिखा, “पापा अब इस दुनिया में नहीं रहे।

शरद यादव की अंतिम इच्छा थी कि उनका अंतिम संस्कार मध्यप्रदेश में उनके पैतृक गांव में ही होगा। उनका पार्थिव शरीर दिल्ली से भोपाल हवाई जहाज की मदद से लाया जाएगा फिर इसके बाद सड़क मार्ग से आंखमऊ तक लाया जाएगा। अंतिम संस्कार शनिवार किया जाएगा।
जानकारी के लिए आपको बता दे की शरद यादव पहली बार 1974 में वे मध्य प्रदेश की जबलपुर लोकसभा सीट से सांसद चुने गए। यह जेपी आंदोलन का समय था और वे हल्दर किसान के रूप में जेपी द्वारा चुने गए पहले उम्मीदवार थे। 1977 में भी वे इसी लोकसभा सीट से चुनाव जीते। उस वक्त वे युवा जनता दल के अध्यक्ष रहे। वे पहली बार राज्यसभा पहुंचे साल 1986 में। शरद यादव 1989 में यूपी की बदाऊं लोकसभा सीट से चुनाव जीते और तीसरी बार संसद में पहुंच गए। वे 1989-1990 में वीपी सिंह की सरकार में वे टेक्सटाइल और फूड प्रोसेसिंग मंत्रालय में केंद्रीय मंत्री रहे।