भारत जैसे कई बड़ी आवादी वाले विकासशील देशों में बड़ी संख्या में लोग भूखे पेट सोने को मजबूर रहते है, लेकिन हाल ही में हैरान कर देने वाली रिपोर्ट आयी. दरअसल यूएनईपी यानि यूनाइटेड नेशन एनवायरोमेंट प्रोग्राम की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल लगभग 6.87 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है. वहीं पूरी दुनिया में हर साल 250 करोड़ टन खाना बर्बाद किया जाता है.
इस मामले में चीन पहले नंबर पर है जिसके बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां खाने की सबसे ज्यादा बर्बादी होती है. यह उस सदी में हो रहा है जहां दुनिया में लगभग 83 करोड़ लोग रोज भूखे सोते हैं. खाने की कमी और बर्बादी के में बारे में जागरूक करने के लिए 29 सितंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय दिवस 2022 (International Day of Awareness of Food Loss and Waste 2022) मनाया जाता है. इस दिन लोगों को खाने-पीने की चीजों की बर्बादी रोकने के लिए जागरूक किया जाता है.
खाने की बर्बादी को लेकर आये कुछ चौकाने वाले आंकड़े
- खाने की बर्बादी को लेकर आये कुछ चौकाने वाले आंकड़े
- दुनिया के 10 प्रतिशत लोग यानी करीब 83 करोड़ लोग भूखे सोते हैं, जिन्हें खाना नसीब नहीं होता.
- दुनिया भर में हर साल लगभग 250 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है.
- नेशनल हेल्थ सर्वे के मुताबिक, भारत में हर रोज 19 करोड़ लोग भूखा सोते हैं.
- भारत में खाद्य उत्पाद का 40 फीसदी हिस्सा बर्बाद होता है.
- भारत में सालाना 92000 करोड़ रुपये का खाना बर्बाद होता है.
- 116 देशों में हंगर इंडेक्स सर्वे 2021 में भारत का स्थान 101वां हैं.
UNEP की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल से पहले 93 करोड़ टन से ज्यादा खाना यानी 17 प्रतिशत खाना खराब हो गया था. इनमें 63 प्रतिशत खाना आम घरों से, 23 प्रतिशत खाना रेस्टोरेंट में और 13 प्रतिशत खाना रिटेल चेन में खराब हो गया था.
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संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में सालाना लगभग 68.7 मिलियन टन खाना बर्बाद होता है. आंकड़े बताते हैं कि लगभग 190 मिलियन भारतीय कुपोषित हैं. आपको यह भी बता दें कि भारत में भोजन की बर्बादी की कीमत सालाना लगभग 92,000 हजार करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है.