भारत में किन-किन चीजों पर लगता है सबसे ज्यादा टैक्स? देखें पूरी लिस्ट

Meghraj
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भारत में टैक्स हमेशा एक महत्वपूर्ण चर्चा का विषय रहा है, विशेष रूप से जब बजट की घोषणा होने वाली हो। लोग अक्सर उम्मीद करते हैं कि सरकार टैक्स में कटौती कर उनके आर्थिक स्थिति में सुधार करेगी। वर्तमान में, भारत में वस्तु और सेवा कर (GST) के तहत विभिन्न सामानों और सेवाओं को अलग-अलग टैक्स स्लैब्स में वर्गीकृत किया गया है। हर साल की तरह, इस बार भी आम जनता की निगाहें बजट 2025 पर हैं, जहां टैक्स में कुछ राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है।

28% GST स्लैब में कौन-कौन सी चीजें हैं शामिल?

जब GST की शुरुआत 2017 में हुई थी, तो 28% टैक्स स्लैब में 226 उत्पादों को शामिल किया गया था। हालांकि, समय के साथ इस सूची को कम किया गया और अब केवल 35 उत्पाद इस स्लैब में आते हैं। इनमें मुख्य रूप से वो वस्तुएं शामिल हैं जिन्हें लग्जरी या नॉन-एसेन्शियल माना जाता है। कुछ प्रमुख उत्पाद जो इस स्लैब में आते हैं, वे हैं:

  • सीमेंट, ऑटोमोबाइल पार्ट्स, टायर, मोटर व्हीकल उपकरण
  • तंबाकू, सिगरेट, पान मसाला
  • एयरक्राफ्ट और विशेष प्रकार की वस्तुएं
  • सिनेमा टिकट, फाइव-स्टार होटलों में खाना और ड्रिंक्स

28% स्लैब से घटाए गए टैक्स वाले उत्पाद

कुछ वर्षों पहले 28% टैक्स स्लैब में शामिल 15 वस्तुओं को घटाकर 18% स्लैब में डाल दिया गया था। इसमें प्रमुख वस्तुएं जैसे वॉशिंग मशीन, 27 इंच का टीवी, वैक्यूम क्लीनर, फ्रिज और पेंट शामिल थीं। इस बदलाव से आम जनता को कुछ राहत मिली और वस्तुओं की कीमतों में कमी आई।

पेट्रोल और डीजल GST से बाहर क्यों?

हालांकि, पेट्रोल और डीजल अभी भी GST के दायरे में नहीं आते। इन पर केंद्र और राज्य सरकारें अपनी-अपनी तरफ से वैट और अन्य टैक्स लगाती हैं। अगर इन दोनों को 28% GST स्लैब में शामिल किया जाता है, तो इनकी कीमतों में बड़ी गिरावट आ सकती है। फिलहाल, यह टैक्स का बोझ खासतौर पर आम जनता और उद्योगों पर भारी पड़ रहा है, और यही कारण है कि लोग उम्मीद कर रहे हैं कि सरकार इन उत्पादों को जीएसटी के तहत लाकर राहत प्रदान कर सकती है।

बजट 2025 में क्या हो सकता है बदलाव?

बजट 2025 के दौरान, सभी की निगाहें टैक्स दरों में संभावित बदलावों पर होंगी। आम जनता को उम्मीद है कि सरकार महंगाई से राहत देने के लिए कुछ ठोस कदम उठाएगी, खासकर जीएसटी दरों में बदलाव के संदर्भ में। हालांकि, अब तक यह कहना मुश्किल है कि जीएसटी स्लैब में कोई बड़ा बदलाव होगा या नहीं, लेकिन ऐसा जरूर हो सकता है कि सरकार आयकर दायरे को लेकर कुछ अहम घोषणाएं कर सकती है।