पपीते के पौधे में नहीं आ रहे हैं फल? डालें इन 3 चीजों से बनी खाद, देखते ही देखते फलों से लद जाएगा पेड़

यदि पपीते के पौधे में छोटे फल या कम उपज हो रही हो, तो गोबर के उपले, सब्जियों के छिलके, केले के छिलके और नीम खली से बनी जैविक खाद पौधे के विकास और फलों के आकार को बढ़ाने में मदद कर सकती है।

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Papaya Plant Care : यदि आपके घर के बगीचे में पपीते का पौधा है लेकिन उसमें फल छोटे रह जाते हैं या उनकी उपज कम होती है, तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है। कुछ घरेलू सामग्रियों से तैयार की गई एक बेहद प्रभावी जैविक खाद पपीते के पौधे के विकास और फलों के आकार को बढ़ाने में काफी मदद कर सकती है। यह खाद न सिर्फ पौधे को ज़रूरी पोषण प्रदान करती है, बल्कि उसे बीमारियों से भी बचाती है।

डालें इन 3 चीजों से बनी खाद

  • इस खाद को बनाने के लिए गोबर के उपले, सब्जियों के छिलके, केले के छिलके और नीम खली का उपयोग किया जाता है।
  • गोबर के उपले मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाते हैं और पौधे की जड़ों को मजबूती देते हैं।
  • सब्जियों और केले के छिलके पोटेशियम, फॉस्फोरस, नाइट्रोजन, कैल्शियम और सल्फर जैसे आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, जो फलों के आकार को बड़ा बनाने में सहायक होते हैं।
  • नीम खली एक प्राकृतिक कीटनाशक के रूप में काम करती है और पौधे को हानिकारक कीड़ों व रोगों से बचाती है।

खाद बनाने और उपयोग करने की विधि

इस जैविक खाद को तैयार करने की प्रक्रिया भी बेहद सरल है। एक बाल्टी पानी में 2-3 गोबर के उपले, सब्जियों और केले के छिलके, और करीब 50 ग्राम नीम खली मिलाएं। इस मिश्रण को 24 घंटे तक ढककर रखें ताकि सारे तत्व पानी में अच्छी तरह घुल जाएं।

अगले दिन इस पानी को छानकर अलग करें और उसमें 2 लीटर सादा पानी और मिलाएं। इस तैयार लिक्विड खाद को पपीते के पौधे की जड़ों के पास हल्की गुड़ाई करने के बाद डालें।

कितनी बार उपयोग करें?

इस खाद का प्रयोग सप्ताह में तीन बार करें। इससे न केवल पौधे की पोषण संबंधी ज़रूरतें पूरी होंगी, बल्कि फल जल्दी और बड़े आकार में विकसित होंगे। नियमित उपयोग से पौधा हरा-भरा, रोगमुक्त और अधिक फल देने वाला बनता है।