Mysterious Places : भारत में कई अजीबोगरीब जगह है। जिसकी अपनी अलौकिक कहानी है। वहीं कुछ जगह ऐसे हैं, जिसे आज तक कई मामलों में रहस्यमयी माना जाता है। वहीं वैज्ञानिक भी इस रहस्य का पता नहीं लगा पाए हैं।
आज हम आपको ऐसे ही खबर बताने जा रहे हैं। भारत में कुछ ऐसी रहस्यमयी जगह है। जिसके बारे में आप जानकर हैरान रह जाएंगे। यहां तक की वैज्ञानिक भी इन जगहों को लेकर अपने रिसर्च में कुछ भी पुष्टि नहीं कर पाए है।

रंग महल मंदिर
दरअसल भारत में वृंदावन का मंदिर काफी मामलों में रहस्मयी माना जाता है। उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित वृंदावन एक महत्वपूर्ण धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल है। यहां श्री कृष्ण की लीला की कई कहानी प्रचलित है। वृंदावन में एक ऐसा मंदिर है, जो अपने आप ही खुलता है और बंद होता है। इस मंदिर का नाम रंग महल है।
मंदिर में हर रोज प्रसाद के तौर पर माखन मिश्री का भोग लगाया जाता है। भगवान कृष्ण के सोने के लिए यहाँ पलंग भी रखी गई है। मान्यता है कि यहां भगवान श्री कृष्णा रात्रि में शयन करते हैं। सुबह जब मंदिर खोला जाता है तो ऐसा लगता है कि इस बिस्तर पर कोई सोया था और प्रसाद भी ग्रहण किया है। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि अंधेरा होते हुए की इस मंदिर के दरवाजे अपने आप बंद हो जाते हैं।
रूपकुंड झील
भारत में कई झीले है जो बेहद रहस्यमयी है। ऐसे ही एक झील है, हिमालय की रूपकुंड झील है। जिसे काफी रहस्यमयी माना जाता है। साल 1942 की बातें है जब इस झील के भीतर सैकड़ो नर कंकाल मिले थे। अभी भी झील में मानवों की कंकाल और हड्डी पड़ी हुई है। यह झील समुद्र तल से 5029 मीटर की ऊंचाई पर है और यह झील हिमालय की तीन चोटियों के बीच में है। जिसे त्रिशूल जैसा दिखने की वजह से इसका नाम त्रिशूल दिया गया है। कंकाल की हड्डियां मिलने के बाद रूप कुंड झील को कंकालो की झील भी कहा जाता है। हालांकि अभी भी वैज्ञानिक इस रहस्य को जानने की कोशिश कर रहे हैं।
अलैया भूत लाइट
इसके अलावा पश्चिम बंगाल का एक दलदला इलाका भी रहस्य से भरा हुआ है। जिसे अलैया भूत लाइट कहा जाता है। कहा जाता है कि यहां पर कई बार रहस्य्मयी रोशनी देखने को मिलती है। स्थानीय लोगों की माने तो मछली पकड़ते समय यहां पर किसी की मौत हो गई थी। यह रौशनी मछुआरे की आत्मा के रूप में प्रचलित है। यह भी कहा जाता है जो इस रौशनी को देख लेता है, वह रास्ता भटक जाता है और जल्द उसकी मौत हो जाती है।
इस दलदलीय इलाके में कई बार मछुआरों के शव भी बराबर किए गए हैं लेकिन स्थानीय प्रशासन भूत जैसी घटना पर यकीन नहीं करती है। वैज्ञानिक ने आशंका जाता है कि दलदलीय क्षेत्र में अक्सर मिथेन गैस बनती है। जिसके कारण यह रोशनी पैदा हो सकती है। हालांकि कुछ भी स्पष्ट नहीं किया गया है।
आंध्र प्रदेश के वीरभद्र मंदिर
इतना ही नहीं आंध्र प्रदेश के वीरभद्र मंदिर विजयनगर साम्राज्य के वास्तुकला शैली का एक बेहतरीन नमूना है। हजारों साल से यहां पर एक खंभा चर्चा का विषय बना हुआ है। मंदिर में 70 खम्भे है। यह खम्भा दूसरों के विपरीत जमीन के संपर्क में नहीं आता है। ऐसा माना जाता है कि खंभे के आशीर्वाद के लिए नीचे कुछ स्लाइड कर आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। वैगेनिक आज बजी इसका रहस्य खोज रहे हैं।