Indore: जम्मू कश्मीर से आई प्रसिद्ध लेखिका क्षमा कोल ने बताया कि किस तरह से इन्होंने कश्मीर में दमन और अत्याचार का माहौल देखा है उन्होंने कश्मीरी पंडितों के दर्द की बात बताते हुए कहा कि एक बार प्रसिद्ध लेखक नागार्जुन भी उनके साथ कश्मीर गए थे जहां वे 1 महीने रहे इस दौरान उन्होंने भी इस बात को महसूस किया था कि यहा पर जो कुछ हो रहा है वह बहुत गलत है और उन्होंने इस बात की जरूरत को महसूस किया था कि यहां पर मजबूत संगठन होना चाहिए उन्होंने कहा कि पहले हमें चुन चुन कर नहीं बल्कि तिल तिल करके मारा जाता था उन्होंने कहा कि एक लेखक के रूप में उन्होंने महसूस किया है कि कश्मीरी पंडितों के दर्द का कोई अंत नहीं है लेकिन अब जागरूकता आ रही है
प्रसिद्ध लेखक नागार्जुन ने भी महसूस किया था कश्मीरी पंडितों के दर्द को- लेखिका क्षमा कोल
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