साल 2024 के ख़तम होने से पहले ही एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। ‘वाह उस्ताद वाह!’ यह शब्द, जो हममें से कई लोगों ने बचपन में एक चाय कंपनी के विज्ञापन में सुने थे, अब हमें तबला वादक जाकिर हुसैन की याद दिला रहे हैं। 73 वर्ष की आयु में वह हमसे विदा हो गए। हालांकि, अपनी उंगलियों की कला से तबले पर उन्होंने जो अद्वितीय छाप छोड़ी है, वह हमेशा हमारे दिलों में जीवित रहेगी।
शाम होते-होते जाकिर हुसैन की तबियत बिगड़ी
आज शाम ही जाकिर हुसैन की गंभीर हालत की खबर आई थी, और उनके परिवार ने सभी से उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए दुआ करने की अपील की थी। लेकिन अब इस दुखद खबर ने हर आंख को नम कर दिया है। अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को स्थित अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जाकिर हुसैन के निधन ने सभी को गहरे दुख में डुबो दिया है, और लोग उनकी आत्मा की शांति के लिए दुआ कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर लोग उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और उनके लिए पोस्ट साझा कर रहे हैं।
तीन साल की उम्र में तबला सीखने की शुरुआत
जाकिर हुसैन का जन्म मुंबई में हुआ था, और बचपन से ही उन्हें तबले में गहरी रुचि थी। उन्होंने अपने पिता से तबला वादन के गुण सीखे और महज तीन साल की उम्र में ताल बजाना सीखना शुरू कर दिया था। सात साल की उम्र में उन्होंने अपना पहला संगीत कार्यक्रम प्रस्तुत किया, और 11 साल की उम्र में उन्होंने संगीत यात्रा की शुरुआत की। जाकिर हुसैन वह पहले भारतीय थे, जिन्हें पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने व्हाइट हाउस में ऑल-स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया था।
भारत दौरे पर जाने वाले थे जाकिर हुसैन
कुछ ही दिन पहले, जाकिर हुसैन की एजेंसी ” एज वी स्पीक” ने उनके भारत दौरे की घोषणा की थी, जिसमें कई प्रमुख कलाकारों के शामिल होने की बात कही गई थी। यह दौरा जनवरी 2025 में शुरू होने वाला था। लेकिन अब जाकिर हुसैन के निधन की खबर ने सभी को गहरे सदमे में डाल दिया है। हर कोई इस दुखद समाचार से बेहद मर्माहत है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है।