पाकिस्तान मूल के मशहूर लेखक और स्तंभकार तारिक फ़तेह का 73 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। वह लंबे समय से कैंसर से जंग लड़ रहे थे। इस बात की जानकारी उनकी बेटी ने ट्विटर के माध्यम से दी। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि पंजाब का शेर, हिंदुस्तान का बेटा, कनाडा का प्रेमी, सच्चाई का पैरोकार, न्याय के लिए लड़ने वाला। दबे-कुचलों और शोषितों की आवाज, तारिक फतेह नहीं रहे। उनकी क्रांति उन सभी के साथ जारी रहेगी, जो उन्हें जानते और प्यार करते थे।
तारिक फतेह का जन्म 20 नवंबर 1949 को कराची में हुआ था। उनका परिवार बंबई (अब मुंबई) का रहने वाला था, लेकिन बंटवारे के बाद कराची चला गया था। उन्होंने कराची यूनिवर्सिटी से बायोकेमिस्ट्री की पढ़ाई की थी, लेकिन बाद में पत्रकारिता में आ गए। फतह इस्लाम पर अपने प्रगतिशील विचारों और पाकिस्तान पर उग्र रुख के लिए जाने जाते थे। उन्होंने अक्सर भारत में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को अपना समर्थन व्यक्त किया।
Lion of Punjab.
Son of Hindustan.
Lover of Canada.
Speaker of truth.
Fighter for justice.
Voice of the down-trodden, underdogs, and the oppressed.@TarekFatah has passed the baton on… his revolution will continue with all who knew and loved him.Will you join us?
1949-2023 pic.twitter.com/j0wIi7cOBF
— Natasha Fatah (@NatashaFatah) April 24, 2023
इसके साथ ही तारिक फतह खुद को हिंदुस्तानी कहते थे। वह पाकिस्तान को भी भारतीय संस्कृति का हिस्सा मानते थे। वह भारत के विभाजन के खिलाफ लगातार बोलते रहते थे।