व्यायाम ऐसा निवेश है जिसका लाभ जिंदगी भर मिलता है – डॉ. हेमंत मंडोवरा

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इंदौर। व्यस्त ऑफिस शेड्यूल ने लोगों को कुर्सी से बाँध कर रख दिया है, और इस कारण गर्दन, पीठ और जोड़ सम्बंधित रोग जन्म लेने लगते हैं और फिर जीवन कभी सामान्य नहीं हो पाता. यदि छोटी छोटी बातों का ध्यान रखा जाए तो इन समस्याओं को बीमारी में तब्दील होने से रोका जा सकता है। ये कहना था जाने माने जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जन डॉ. हेमंत मंडोवरा का, जो एसबीआई जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड के कर्मचारियों को ‘जॉइंट पेन एट वर्कप्लेस’ वर्कशॉप में जोड़ों में होने वाली समस्या, उपचार व निदान की जानकारी दे रहे थे।

डॉ मंडोवरा ने बताया “ऑफिस में, लगातार काम करते हुए जोड़ों, घुटनों, पीठ और गर्दन में दर्द होना बहुत आम बात है, और समय रहते इससे बचाव कर लिया जाए तो बाद में गंभीर रोगों से भी बचाव हो सकता है। यदि कर्मचारियों को लम्बे समय तक बैठने की जरूरत है, तो उन्हें सही तरीके से बैठना चाहिए, काम का ज्यादा तनाव नहीं लेना चाहिए और शारीरिक रूप से सक्रिय होना चाहिए। काम के दौरान नियमित अवधि में थोड़ा व्यायाम या योग करना चाहिए. यदि काम के दौरान व्यायाम करना मुश्किल हो तो नियमित अंतराल पर खुद को थोड़ा आराम देना चाहिए और दर्द के लक्षणों को बढ़ने से पहले ही रोकना चाहिए। डॉ. मंडोवरा ने इस बात के लिए आग्रह किया कि ऑफिस फर्नीचर एर्गोनोमिकली डिजाईन किये जाने चाहिए; कंप्यूटर की स्क्रीन और आँखों का स्तर समान होना चाहिए; की बोर्ड/ माउस आपकी कोहनी की उंचाई के बराबर होना चाहिए।“

उन्होंने आगे बताया कि लापरवाही या काम के दबाव के चलते यदि दर्द शुरू हो गया है और सामान्य काम काज को प्रभावित कर रहा है, तो आपको विशेषज्ञ से सलाह लेनी चाहिए. वह आपको एक्स-रे के साथ ही, आर्थराइटिस, विटामिन डी, कैल्शियम और विटामिन सी की जांचें कराने की सलाह दे सकते हैं वर्कशॉप में फिजियोथेरेपिस्ट डॉ. मेघा शर्मा ने कर्मचारियों को कुछ ऐसे व्यायाम करना सिखाया जिन्हें वे अपनी कुर्सी पर बैठे – बैठे आसानी से कर सकते हैं। डॉ. मंडोवरा ने जोड़ों के दर्द से जुड़े मिथकों एवं समाधानों पर भी बातचीत की। अंत में डॉ मंडोवरा ने इस वर्कशॉप को अपने शब्दों में समेटते हुए कहा व्यायाम एक ऐसा इन्वेस्टमेंट है जिसका रिटर्न आपको जिंदगी भर मिलता रहेगा।

Source : PR