भारतीय संगीत जगत की जानी-मानी सिंगर अनुराधा पौडवाल ने हाल ही में एक इंटरव्यू में वो बातें साझा कीं, जिन पर दशकों से अटकलें लगाई जा रही थीं। लता मंगेशकर और आशा भोसले के जमाने में जब अनुराधा ने इंडस्ट्री में कदम रखा, तब यह आरोप लगाए जाते थे कि इन दोनों दिग्गजों की मौजूदगी नए कलाकारों के लिए मुश्किलें खड़ी करती थी। अब अनुराधा ने इस पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए साफ-साफ कहा है कि लता जी और आशा जी के प्रति उनके मन में हमेशा से सम्मान रहा है।
लता मंगेशकर मेरी गुरु हैं: अनुराधा पौडवाल
अनुराधा पौडवाल ने बताया कि उन्होंने कभी भी लता मंगेशकर या आशा भोसले से कोई प्रतिस्पर्धा महसूस नहीं की। उन्होंने लता मंगेशकर को अपना गुरु बताया और कहा कि उनकी आवाज सुनकर ही उन्होंने संगीत की शिक्षा शुरू की। अनुराधा कहती हैं, “मैंने लता दीदी का भजन सुनकर संगीत की दुनिया में कदम रखा। वो हमेशा मेरी प्रेरणा रहीं।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि “आशा भोसले आज भी इस उम्र में रियाज करती हैं। उनके जीवन में जितने उतार-चढ़ाव आए हैं, वो उनकी गायकी में झलकते हैं। वहीं लता दीदी का जीवन भी संघर्षों से भरा रहा है, लेकिन वो हमेशा शांत और गंभीर रहीं। उनकी आवाज में एक गहराई और भावनात्मक जुड़ाव रहा है।”
सभी अफवाहों को किया खारिज
अनुराधा पौडवाल ने उन अफवाहों को भी खारिज किया जिसमें कहा जाता है कि लता और आशा ने उनके करियर में रुकावटें पैदा की थीं। उन्होंने कहा, “भारत में ही ऐसी बातें होती हैं कि फलां ने फलां का करियर रोक दिया। विदेशों में कलाकारों का सम्मान होता है। मेरे मन में दोनों बहनों के लिए आज भी बेहद सम्मान है और रहेगा।”
अपने करियर की शुरुआत पर बात करते हुए अनुराधा ने साझा किया, “1973 में जब एसडी बर्मन फिल्म अभिमान के लिए म्यूजिक कंपोज कर रहे थे, तब एक छोटे से सीन के लिए श्लोक की जरूरत थी। मेरे पति अरुण पौडवाल ने मुझे गाने के लिए कहा। जब मेरी आवाज एसडी बर्मन ने सुनी तो कहा, ‘इस सीन के लिए लता की जरूरत नहीं, यह आवाज काफी है।’ यहीं से मेरे सफर की शुरुआत हुई।”
अनुराधा पौडवाल की यह सच्चाई भरी बातचीत न सिर्फ पुराने विवादों पर से पर्दा उठाती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि सच्ची प्रतिभा को कोई नहीं रोक सकता।