Dussehra 2024 : हिंदू धर्म में दशहरा, जिसे विजयादशमी के नाम से भी जाना जाता है, का विशेष महत्व है। यह पर्व आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष दशहरा 12 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन देवी दुर्गा की पूजा, शमी पूजा, और रावण दहन की परंपरा है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
Dussehra 2024 : पौराणिक कथा
दशहरा का पर्व देवी दुर्गा द्वारा राक्षस महिषासुर का वध करने की याद दिलाता है। इसी दिन भगवान राम ने रावण से युद्ध करने से पहले अपने शस्त्रों की पूजा की थी। इसलिए, इस दिन शस्त्र पूजा का विशेष महत्व है, जो कि युद्ध और विजय का प्रतीक है।
Dussehra 2024 : शस्त्र पूजा का शुभ समय
इस वर्ष दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि सुबह 10:58 बजे शुरू होगी और 13 अक्टूबर को सुबह 9:00 बजे समाप्त होगी। इस दिन विजय मुहूर्त में शस्त्र पूजा की जाएगी, जो दोपहर 2:30 बजे से 2:49 बजे तक रहेगा।
Dussehra 2024 : विशेष योग का महत्व
दशहरे पर चार दुर्लभ योग बन रहे हैं:
रवि योग
शश योग
मालव्य योग
सर्वार्थ सिद्धि योग
इन शुभ योगों का मानना है कि इस दिन किए गए कार्य सफल होते हैं। विशेषकर, रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग के चलते इस दिन सभी प्रकार के दोष दूर होते हैं।
Dussehra 2024 : शस्त्र पूजन की विधि
दशहरा के दिन शस्त्र पूजन की विधि इस प्रकार है..
सूर्योदय से पहले उठें: दिन की शुरुआत स्वच्छता से करें।
स्नान करें: नहाने के बाद साफ कपड़े पहनें।
शस्त्रों की पूजा: विजय मुहूर्त में अपने शस्त्रों की पूजा करें। सभी हथियारों को गंगा जल से शुद्ध करें।
हल्दी और कुंकवा का लेप: इसके बाद हथियारों पर हल्दी और कुंकवा का लेप लगाएं।
फूल और शमी के पत्ते चढ़ाएं: शस्त्रों पर फूल और शमी के पत्ते अर्पित करें।
दान और भोजन: जरूरतमंदों को भोजन कराएं और दान करें।
दशहरा का पर्व केवल एक धार्मिक उत्सव नहीं है, बल्कि यह शक्ति, विजय, और अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। इस दिन की शस्त्र पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, जो हमें नकारात्मकता से दूर रहने और सकारात्मकता की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है।