इन 5 जिलों में बूंदाबादी, बढ़ेगी ठिठुरन, रात में तेजी से गिरेगा तापमान, छाएगा कोहरा, IMD का अलर्ट

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मध्य प्रदेश में इस समय मौसम में लगातार बदलाव देखा जा रहा है। दिन और रात के तापमान में भारी अंतर बना हुआ है। जहां दिन के समय तेज धूप महसूस हो रही है, वहीं रात और सुबह के समय ठंड में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। मौसम विभाग के अनुसार, आने वाले दिनों में इस मौसम के रुझान में और भी गिरावट देखी जा सकती है, जिससे ठंड का असर और बढ़ेगा।

प्रदेश में मौसम का मिजाज

बीती रात, पचमढ़ी और मंडला में तापमान 12 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे यहां ठंड का असर स्पष्ट रूप से महसूस किया जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक, अगले हफ्ते से तेज ठंड का असर शुरू हो सकता है, जिससे प्रदेश भर में ठंडी हवाओं का दौर बढ़ेगा। ठंड के बढ़ते प्रभाव के साथ, कोहरे का असर भी शुरू हो गया है। प्रदेश के प्रमुख शहरों जैसे भोपाल, इंदौर, उज्जैन, ग्वालियर, और जबलपुर में सुबह के समय कोहरे की चादर छाई हुई है, जिससे विजिविलिटी कम हो रही है। इस मौसम में सड़कों पर चलने वाले लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी जा रही है।

प्रदेश के विभिन्न हिस्सों का तापमान

मौसम विभाग के अनुसार, पचमढ़ी में मंगलवार को तापमान 10 डिग्री तक गिरा, जबकि खजुराहो में अधिकतम तापमान 33 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचा। वहीं, प्रदेश के अन्य शहरों में तापमान लगभग 30 डिग्री के आसपास रहा। इसके अलावा, प्रदेश के अन्य हिस्सों जैसे ग्वालियर, इंदौर, भोपाल, और जबलपुर में दिन का तापमान 30 डिग्री के आसपास दर्ज किया गया।

इन जिलों में शीतलहर का अनुमान

मौसम विभाग का कहना है कि अब पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी का दौर शुरू हो चुका है, और इसके साथ ही ठंडी हवाओं का प्रभाव भी बढ़ेगा। इस बार ठंड का आगमन धीरे-धीरे हो रहा है, लेकिन नवंबर के अंत तक प्रदेश में ठंड का असर अधिक बढ़ सकता है। दिसंबर और जनवरी में शीतलहर की स्थिति बन सकती है, जिससे ठंड का प्रभाव और भी तेज हो सकता है।

प्रदूषण का स्तर बढ़ा

मध्य प्रदेश में ठंड और कोहरे के साथ-साथ प्रदूषण का स्तर भी बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के प्रमुख शहरों में हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है, खासकर भोपाल में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 319 तक पहुंच गया, जो कि स्वास्थ्य के लिए हानिकारक माना जाता है। इसके अलावा, इंदौर में भी AQI 319 दर्ज किया गया, जबकि उज्जैन में 292 और ग्वालियर में 221 AQI तक पहुंच गया। यह प्रदूषण का स्तर प्रदेश के नागरिकों के लिए चिंताजनक बन सकता है, खासकर उन लोगों के लिए जो अस्थमा या श्वसन संबंधी बीमारियों से ग्रस्त हैं।

मौसम में बदलाव के साथ प्रदूषण का असर

मध्य प्रदेश के पांच प्रमुख शहरों में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के कारण वातावरण में धुंध की परत भी छाई हुई है। यह धुंध और कोहरा न केवल मौसम के बदलाव को और तीव्र बना रहे हैं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। खासकर सुबह और रात के समय ठंडी हवाओं के साथ प्रदूषण की स्थिति और बिगड़ सकती है।