MP के कॉलेजों में लागू होंगे ड्रेस कोड, कांग्रेस ने जताई आपत्ति

Deepak Meena
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भोपाल : नई शिक्षा नीति के तहत मध्य प्रदेश सरकार बड़ा बदलाव लाने जा रही है। शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने ऐलान किया है कि राज्य के सभी सरकारी कॉलेजों में जल्द ही यूनिफॉर्म लागू की जाएगी।

पहले चरण में यह व्यवस्था सरकारी उत्कृष्ट कॉलेजों में लागू होगी, बाद में इसे धीरे-धीरे सभी सरकारी कॉलेजों में लागू कर दिया जाएगा। इस फैसले के पीछे शिक्षा मंत्री समानता की भावना को बढ़ावा देना बताते हैं। उनका मानना है कि इससे छात्रों में भेदभाव खत्म होगा और वे एकजुटता महसूस करेंगे।

इस प्रस्ताव पर अभी से बहस शुरू हो गई है। छात्र संगठनों और शिक्षाविदों से सुझाव लिए जा रहे हैं। वहीं, कांग्रेस ने इस फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि इससे छात्रों की स्वतंत्रता पर अंकुश लगेगा। मंत्री परमार ने कहा कि जब हमारे देश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) लागू की गई थी, तो मध्य प्रदेश इसे अपनाने वाले अग्रणी राज्यों में से एक था।

मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में, हमने राज्य के सभी 55 जिलों में उत्कृष्ट महाविद्यालय स्थापित करने का निर्णय लिया है। हमारे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 14 जुलाई को इंदौर से इन कॉलेजों का उद्घाटन करेंगे। नतीजतन, यूनिफॉर्म लागू करने के लिए विभाग में एक प्रक्रिया चल रही है।

हमारा लक्ष्य आम सहमति बनाकर जल्द ही यूनिफॉर्म पेश करना है। शुरू में हम इन 55 उत्कृष्ट कॉलेजों में यूनिफॉर्म लागू करेंगे, लेकिन बाद में हम धीरे-धीरे इस नीति का विस्तार करेंगे और शेष कॉलेजों में भी आम सहमति बना लेंगे। मंत्री ने कहा कि वे समाज के किसी भी वर्ग की आपत्ति के बिना आदर्श ड्रेस कोड लागू करने के लिए सभी कारकों पर विचार करेंगे।

कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा कि संविधान हमें अपने हिसाब से ड्रेस पहनने की आजादी देता है। इस फैसले को कभी स्वीकार नहीं किया जाएगा। उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि संविधान बदलने गए थे तो इसका परिणाम लोकसभा चुनाव में मिल गया।

ड्रेस पर हिजाब लड़कियां पहनेगी तो इसमें आपत्ति वाली कौन सी बात है। उन्होंने कहा कि शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब का ऑप्शन होना चाहिए। जिसे पहनना है वो पहने जिसे नहीं पहनना वो मत पहने।