भोपाल : कहते हैं कि प्रतिभा किसी परिचय की मोहताज नहीं होती है. ऐसी ही बहुमुखी प्रतिभा है पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं मप्र कांग्रेस कमेटी भोपाल के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव की धर्मपत्नी एवं डॉ. एन.एस. यादव की सुपुत्री डॉ. नम्रता यादव. 3 बार वे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराने के बाद अब चौका लगते हुए एक बार फिर अपना नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज करने में कामयाब रही है.
उनकी इस शिखर सी सफ़लता और गर्व भरे क्षण को उनके यह प्रमाण पत्र और उनके चेहरे की खुशी साफ़ बयां करती है. पिछले 4 साल में वे 4 बार इतिहास में अपना नाम दर्ज करा चुकी है. प्रथम बार उनका नाम 31 जनवरी 2016 को चेन्नई में आयोजित प्रतियेागिता में डॉ. नम्रता एवं टीम द्वारा सबसे बड़ा क्रोशिया कंबल 11148.5 मीटर बनाए जाने पर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था.
इसके बाद यह कारवां आगे बढ़ता गया. द्वितीय बार उनका नाम 21 मई 2017 को चेन्नई तमिलनाडु में 14.089 किमी लम्बाई का क्रोशिया मफलर डॉ. नम्रता यादव एवं टीम द्वारा बनाए जाने पर दर्ज हुआ. इसके बाद उन्होंने एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में सुनहरे पन्नों में अपना नाम 21 जनवरी 2018 को दर्ज कराया. जब चेन्नई में ही क्रोशिया मूर्तियों का सबसे बड़ा प्रदर्शन आयोजित किया गया था, जिनमें 58917 अलग-अलग प्रकार की मूर्तियॉ बनाई. जबकि उन्होंने अब चौका लगा दिया है. 15 सितम्बर 2019 को एसआरएम यूनिवर्सिटी चेन्नई में क्रोशिया से क्रिसमस की सजावट प्रतियोगिता के अंतर्गत 66158 विभिन्न सजावट की वस्तुएं बनाकर प्रदर्शन के लिए रखी थी.
अपनी इस अमित सफ़लता पर बात करते हुए डॉ. नम्रता यादव ने कहा कि, उनके द्वारा नवम्बर 2019 में बैंगलुरू में आयोजित सोप बनाने की प्रतियोगिता के दौरान उन्होंने चतुर्थ स्थान प्राप्त किया था और कला के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए उन्हेंसम्मानित किया था. डॉ. नम्रता की इस सफ़लता पर उनके पति और पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं मप्र कांग्रेस कमेटी भोपाल के पूर्व अध्यक्ष अरूण यादव ने बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि, ‘‘समूचे परिवार, समाज और प्रदेश को आपने गौरवान्वित किया है.’’