घरेलू हवाई किराए पर लगाई गई सीमा लगभग 27 महीने के अंतराल के बाद 31 अगस्त से हटा दी जाएंगी. केंद्रीय उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी. उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट किया कि हवाई किराए की सीमा को हटाने का फैसला दैनिक मांग और विमान ईंधन (एटीएफ) की कीमतों के सावधानीपूर्वक विश्लेषण के बाद लिया गया है. स्थिरता आने लगी है और हमें भरोसा है कि यह क्षेत्र निकट भविष्य में घरेलू यातायात में वृद्धि के लिए तैयार है.
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उड्डयन मंत्रालय ने बुधवार को एक आदेश में कहा कि घरेलू परिचालन की वर्तमान स्थिति की समीक्षा करने के बाद किराए की सीमा को 31 अगस्त 2022 से खत्म करने का फैसला किया गया. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण रिकॉर्ड स्तर तक पहुंचने के बाद एटीएफ की कीमतें पिछले कुछ हफ्तों के दौरान नीचे आई हैं. दिल्ली में एटीएफ की कीमत एक अगस्त को 1.21 लाख रुपये प्रति किलोलीटर थी, जो पिछले महीने की तुलना में करीब 14 फीसदी कम है. कोविड-19 महामारी के कारण दो महीने के लॉकडाउन के बाद 25 मई, 2020 को विमान सेवाएं फिर शुरू होने पर मंत्रालय ने उड़ान की अवधि के आधार पर घरेलू हवाई किराए पर निचली और ऊपरी सीमा लगा दी थी. किराए की सीमाओं के तहत एयरलाइंस किसी यात्री से 40 मिनट से कम की घरेलू उड़ानों के लिए 2,900 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) से कम और 8,800 रुपये (जीएसटी को छोड़कर) से अधिक किराया नहीं ले सकती हैं.
टिकट की सीमाएं हटाए जाने की वजह से अब जल्द टिकट लेने वालों को टिकट सस्ते मिल सकेंगे. हालांकि आखिरी वक्त पर बुकिंग में आपको पैसे ज्यादा चुकाने पड़ सकते हैं. दरअसल टिकट ऑफर करते वक्त एयरलाइन कई बातों पर नजर रखती हैं. वो ज्यादा से ज्यादा लोगों को हवाई यात्रा से जोड़ने के लिए सस्ते टिकट ऑफर करती हैं जिससे एयरलाइन को एक निश्चित संख्या में ट्रैफिक मिलता है. हालांकि ये ऑफर उड़ाने से काफी पहले दिए जाते हैं. वहीं एक सीमा के बाद वो डाएनैमिक फेयर लागू करती हैं. यानि अगर आपको अगले कुछ घंटों के बाद के लिए फ्लाइट चाहिए तो आपको काफी ऊंची कीमत पर टिकट मिलेगा. अब तक टिकट की सीमाएं तय थीं ऐसे में एयरलाइन अपनी मार्केटिंग स्ट्रैटजी पर काम नहीं कर पा रही थीं.