डॉक्टर दंपति का संकल्प हुआ पूरा, 33 साल बाद अयोध्या में लिए 7 फेरे

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(शिवानी राठौर), इंदौर : देशभर में इन दिनों रामभक्ति का जुनून सर चढ़कर बोल रहा है. राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद से ऐसे कई सारे रामभक्तों की कहानियां सामने आ रही है, जो वाकई राम जी के अयोध्या में विराजने का सालों से इंतजार के साथ-साथ कठिन तप और कसमें खाये हुए बैठे थे. कुछ ऐसी ही कहानी आज हम आपको बताने जा रहे है एक डॉक्टर दंपति की, जिनकी शादी से जुड़ी कहानी बेहद रौचक है.

दरअसल, इन दिनों एक खबर सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रही है, जिमसें एक डॉक्टर दंपति ने 33 साल बाद अयोध्या में जाकर शादी रचाई है. शादी करने वाले जयपुर निवासी डॉ. महेंद्र कुमार का कहना है कि वह 1990 में कारसेवकों पर अंधाधुंध गोली चलाए जाने से व्यथित हो गए थे. इसके बाद उन्होंने कसम खाई थी कि मंदिर निर्माण होने के बाद ही शादी करेंगे। तो यह ख्वाहिश उनकी 22 जनवरी को आखिरकार पूरी हुई, जिसकी ख़ुशी में उन्होंने अयोध्या जाकर डॉ. शालिनी गौतम के साथ शादी की और एक-दूसरे को गले में वरमाला पहनाई.

कारसेवकों पर अंधाधुंध गोली चलने से थे व्यथित

जानकारी के लिए आपको बता दे कि ये दंपति जयपुर के निवासी है. दोनों ने 33 साल के लंबे इंतजार के बाद अयोध्या में शादी कर ली है. दरअसल, बात सन 1990 की है जब डॉ महेंद्र कुमार शादी योग्य थे. लेकिन, राम मंदिर की ओर बढ़ रहे कारसेवकों पर अंधाधुंध गोली चलाए जाने की घटना से वह इतने व्यथित हो गए कि उन्होंने शादी करने का विचार ही त्याग दिया और संकल्प लिया कि जब तक राम मंदिर का निर्माण नहीं होता, तब तक वह गले में कोई माला नहीं पहनेंगे और ना ही शादी करेंगे.

20 वर्ष तक रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक

डॉ. महेंद्र कुमार बताते है कि वे 20 सालों तक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक रहे. इसके बाद से वह संघ के प्रकल्प सेवा भारती के लिए अपनी सेवा देते रहे हैं. इसी के साथ उनके लिए बड़े सौभाग्य की बात यह भी है कि पत्नी डॉ. शालिनी गौतम भी एक कॉलेज में पढ़ाती हैं.