Diwali in Mahakal : आज दिवाली का त्यौहार है। ऐसे में सबसे पहले दिवाली उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में मनाई गई। सबसे पहले यहां सुबह भस्मारती में बाबा महाकाल की फुलझड़ियों से आरती उतारकर भोग लगाया गया। इस साल तिथि मतांतर के कारण पुजारियों ने आज तड़के महाकाल मंदिर में दीपावली मनाई गई है। दरअसल, हर साल चतुर्दशी के दिन दीपोत्सव मानने की परंपरा है। बता दे, महाकाल में कार्तिक अमावस्या से पहले चतुर्दशी पर दीपावली मनाने की परंपरा है। ऐसे में इस साल अमावस्या के दिन सुबह चतुर्दशी तिथि होने की वजह से गुरुवार तड़के दीपावली मनाई गई।
सबसे पहले महाकाल मंदिर में दीपावली –
बता दे, महाकाल मंदिर में चुतर्दशी के दिन ही दीपावली मनाने और अन्नकूट लगाने परंपरा भी है। ऐसे में सुबह 4 बजे पुजारी परिवार की महिलाओं ने भगवान महाकाल को उबटन लगाया। फिर बाद में सुगंधित द्रव्य और गर्म जल से स्नान कराकर नए वस्त्र और आभूषण धारण कराए गए और फिर श्रृंगार किया गया। महाकाल को अन्नकूट का भोग लगाकर फुलझड़ी से आरती की गई।