Delhi Diwali Celebration: राष्ट्रीय राजधानी में पटाखे चलाने पर लगी रोक का उल्लंघन करते हुए दिल्लीवासियों ने दिवाली की रात को कई इलाकों में आतिशबाजी की। लोगों को पटाखे चलाने से रोकने के लिए नियम बनाए जाने के बावजूद शाम होते ही दक्षिण से लेकर उत्तर पूर्वी और उत्तर पश्चिम दिल्ली समेत शहर के कई इलाकों में लोगों ने आतिशबाजी की। दीपावली के बाद की सुबह प्रदूषण का गंभीर खतरा लेकर आई है। दिल्ली-एनसीआर में रातभर की आतिशबाजी के बाद हवा की क्वालिटी बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) वैरी पुअर (बहुत खराब) की कैटेगरी में पहुंच गया है। देर रात को आतिशबाजी की वजह से दिल्ली का एक्यूआई रेड जोन में चला गया। कहीं कहीं तो तेज आवाज वाले पटाखे भी फोड़े गए।
ऐसे खराब होता चला गया AQI
रविवार की शाम को दिल्ली का औसत AQI 259 था ,ये दिवाली से पहले दिल्ली में पिछले सात सालों की सबसे शुद्ध हवा थी। 2018 में दिवाली के दिन दिल्ली का AQI 281 रिकॉर्ड किया गया था। लेकिन इस साल जैसे जैसे दिवाली की शाम नजदीक आई AQI खतरनाक होता चला गया। सोमवार सुबह 8 बजे दिल्ली का AQI बढ़कर 301 हो गया। मंगलवार सुबह को दिल्ली का औसत AQI 323 पर चला गया। हालांकि दिल्ली के अलग अलग इलाकों की बात करें तो सुबह AQI 360 के पार था। कई जगहों पर आकंड़ा तो 400 के पार कर गया। दिल्ली को प्रदूषण से राहत देने में हवाओं के रूख का योगदान रहा, जो पटाखों से निकले धुएं को दिल्ली से बहाकर बाहर ले गई।
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वायु गुणवत्ता हो सकती है और खराब
देश भर में दिवाली का त्यौहार सोमवार (24 अक्टूबर) को मनाया गया. इस दिन पटाखे फोड़ना पुरानी परंपरा है, लेकिन शहर के अधिकारियों ने कहा था कि आतिशबाजी पर रोक लगाने का फैसला पर्यावरणीय और स्वास्थ्य संबंधी चिंताओं की वजह से किया गया है। पराली जलाने की बढ़ती घटनाओं और मौसम की प्रतिकूल स्थिति के बीच दिल्ली की वायु गुणवत्ता के सोमवार को ‘बहुत खराब’ श्रेणी में चली गई।
प्रदूषण स्तर पीक पर पहुंच गया
मौसम विभाग के अनुसार आधी रात को दिल्ली के ज्यादातर जगहों पर प्रदूषण स्तर पीक पर पहुंच गया था। लेकिन 1 बजे रात के बाद प्रदूषण स्तर कम होना शुरू हो गया। आंकड़ों से पता चलता है कि राजधानी के लगभग सभी स्टेशनों में पटाखों के कारण रात 8 बजे से 1 बजे के दौरान प्रदूषण स्तर में तेज वृद्धि देखी गई।