खरगोन दंगे के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने शिवराज सरकार को आड़े हाथों लिया था. उन्होंने मस्जिद पर चढ़े एक शख्स का फोटो शेयर करते हुए इसे खरगोन का बताया था लेकिन अब इस मामले में नया मोड़ आ गया. यह फोटो खरगोन का नहीं बल्कि बिहार का है जिसके चलते अब दिग्विजय मुसीबत में पड़ गए हैं. भोपाल क्राइम ब्रांच में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
क्या ख़रगोन प्रशासन ने लाठी तलवार जैसे हथियारों को ले कर जुलूस निकालने की इजाज़त दी थी? क्या जिन्होंने पत्थर फेंके चाहे जिस धर्म के हों सभी के घर पर बुलडोज़र चलेगा? शिवराज जी मत भूलिए आपने निष्पक्ष हो कर सरकार चलाने की शपथ ली है।
1/n— digvijaya singh (@digvijaya_28) April 12, 2022
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने फोटो को शेयर करते हुए लिखा था कि क्या लाठी तलवार लेकर धार्मिक स्थल पर झंडा लगाना सही है? खरगोन प्रशासन इसकी इजाजत देता है. हालांकि जब दिग्विजय को यह पता चला कि यह पोस्ट गलत है तो उन्होंने इसे डिलीट कर दिया था. लेकिन प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा में उनके खिलाफ एक्शन लेने की बात कहते हुए यह कहा कि वह प्रदेश को दंगों की आग में झोंकना चाहते हैं.
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मामले को देखते हुए अब दिग्विजय पर आईपीसी की धारा 153 (A), 295 (A), 465 और 505 (2) के तहत मामला दर्ज किया गया है. इस मामले को लेकर भाजपा कार्यकर्ता भी भोपाल क्राइम ब्रांच पहुंचे थे और दिग्विजय के खिलाफ शिकायत की थी. लेकिन बता दें कि पुलिस ने यह मामला राजधानी के एमपी नगर इलाके में रहने वालों प्रकाश माण्डे की शिकायत पर दर्ज किया है. प्रकाश ने क्राइम ब्रांच में शिकायत करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह ने इस तरह का फोटो ट्वीट कर सांप्रदायिक शांति को नुकसान पहुंचाने की और प्रदेश में अस्थिरता लाने की कोशिश की है. उनकी शिकायत के बाद क्राइम ब्रांच ने दिग्विजय के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.