बचपन का वो रहस्य; जिसे सिर्फ सुना, पढ़ा पर देखा नहीं… जब इस शख्स ने खुद की खोजबीन की तो मिला ये हैरान करने वाला सच

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By Shivam KumarPublished On: July 11, 2025

हर बच्चा जब हिंदी वर्णमाला सीखता है, तो ‘ठ से ठठेरा’ पर आकर थोड़ा ठहरता जरूर है। किताबों में एक व्यक्ति बर्तन पीटता हुआ दिखाया जाता है, लेकिन असल जिंदगी में शायद ही किसी ने ‘ठठेरा’ को देखा हो। यही सवाल सोशल मीडिया पर एक यूजर ने उठाया और लोगों से पूछना शुरू किया,  “क्या आपने कभी असली ठठेरा देखा है?”


लोगों ने दिए हैरान करने वाले जवाब

इस सवाल पर लोगों की प्रतिक्रियाएं बेहद दिलचस्प रहीं। कुछ ने लिखा,  “कभी देखा नहीं, बस नाम सुना है।” किसी ने लिखा, “किताबों में पढ़ा है, असल में नहीं देखा।” जवाबों से साफ था कि आज की पीढ़ी इस पारंपरिक पेशे से पूरी तरह अनजान हो चुकी है। तभी उस शख्स ने खुद ‘ठठेरा’ खोजने की ठान ली।

इंदौर के बर्तन बाजार में मिली ठठेरा की झलक

काफी खोजबीन के बाद वह शख्स पहुंचा इंदौर के पुराने बर्तन बाजार में। वहां एक छोटी सी दुकान में एक बुजुर्ग व्यक्ति पीतल का भगोना पीट-पीटकर उसका आकार सुधार रहे थे। जब उनसे पूछा गया, “क्या आप ठठेरा हैं?” तो बुजुर्ग मुस्कुरा कर बोले – “हां बेटा, यही तो हमारा पुश्तैनी काम है। पहले यहां दर्जनों दुकानें थीं, अब गिनती के ही लोग बचे हैं।”

वीडियो वायरल, लोग हुए भावुक

इस पूरी यात्रा को रोहित मोदी नाम के एक सोशल मीडिया यूजर ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर शेयर किया। वीडियो को अब तक 1 करोड़ से ज्यादा बार देखा जा चुका है और 10 लाख से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक किया है। लोगों ने कमेंट में लिखा, “बचपन की यादें ताजा हो गईं”, “आज असली ठठेरा देखा” और “ये वीडियो एक इतिहास को फिर से जिंदा कर रहा है।”