नई दिल्ली : देश में बीते 12 दिनों से केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन पर अब केंद्रीय मंत्री रविशकंकर प्रसाद ने बड़ा बयान दिया है. रविशंकर प्रसाद ने विपक्ष को अड़े हाथों लिया है. उनका कहना है कि किसान आंदोलन की आड़ में गैर विपक्षी दल फायदा उठाए रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये लगातार चुनाव हार रहे हैं और कभी भी ये सरकार के विरोध में खड़े हो उठते हैं. इस बार इन्होने किसने आंदोलन का सहारा लिया है.
हाल ही में केंद्रीय मंत्री प्रसाद ने कहा है कि, ‘राहुल गांधी ने 2013 में कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक बुलाई थी, जिसमें कहा था कि किसान मंडियों को फ्री कर देना चाहिए. पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने APMC एक्ट से बदलने से लेकर किसान मंडियों को फ्री करने के लिए कई मुख्यमंत्रियों को चिट्ठी लिखी थी.’
अपने साक्षात्कार में उन्होंने एनसीपी प्रमुख शरद पवार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, ‘शरद पवार ने एक इंटरव्यू में कहा था कि APMC एक्ट में बदलाव किए तो अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा. अखिलेश यादव आपको याद दिलाऊंगा कि कृषि संबंधित मामलों की संसदीय समिति में आपके पिता और समाजवादियों की अंतिम आवाज मुलायम सिंह यादव ने भी कहा कि किसानों को मंडी कल्चर से बाहर आना जरूरी थी.’
विपक्ष पर हमला बोलते हुए केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि, ‘इन विपक्षी दलों को भले ही किसान संगठन नहीं बुलाते हैं, लेकिन ये फिर भी जाना चाहते हैं. किसानों की आमदनी को बढ़ाने के लिए समय-समय पर अलग-अलग राज्यों ने कांट्रैक्ट फार्मिंग को लागू किया. इसमें अधिकतर कांग्रेस शासित प्रदेश थे. योगेन्द्र यादव ने 2017 में ट्वीट किया था कि APMC एक्ट में बदलाव क्यों नहीं हो रहा है.’
वहीं प्रसाद ने किसानों के हिट में बोलते हुए कहा कि, ‘मैं कानून मंत्री के तौर पर कह रहा हूं कि ना किसानों की जमीन को बंधक बनाया जायेगा और ना ही लीज पर लिया जायेगा. हमने किसानों को डिजिटल मंडी दी है, जिसमें अभी एक लाख करोड़ का व्यापार होता है. किसानों को भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है.’
पूरे विपक्ष ने किया भारत बंद का समर्थन…
किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद बुलाया है और लगभग हर विपक्षी दल ने भारत बंद का समर्थन किया है. टीएमसी, कांग्रेस, टीआरएस, शिवसेना, आप, एनसीपी सहित करीब 20 राजनीतिक दल अब तक किसानों के सरकार के खिलाफ भारत बंद का समर्थन कर चुके हैं. साथ ही आपको बता दें कि किसानों और सरकार के बीच किसानों की समस्याओं को लेकर अगली बैठक 9 दिसंबर को सुबह 11 बजे होगी.