इंदौर। पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर हरि–पे के कर्मचारी के द्वारा आवेदक की दुकान पर QR code लगाने के नाम से की थी ठगी। अनावेदक के द्वारा आवेदक का नारायणचारी मिश्र द्वारा इंदौर कमिश्नरेट में लोगों से छलकपट कर अवैध लाभ अर्जित करते हुये आर्थिक ठगी करने वाले एवं सोशल मीडिया पर फर्जी अकाउंट बनाकर आपत्तिजनक पोस्ट व हैकिंग करने वाले अपराधियों की पहचान कर विधि संगत कार्यवाही करते हुये उनकी धरपकड़ करने हेतु प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) राजेश हिंगणकर के मार्गदर्शन में पुलिस उपायुक्त (क्राइम ब्रांच) निमिष अग्रवाल एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त (क्राईम ब्राँच) गुरू प्रसाद पाराशर द्वारा ऑनलाईन ठगी एवं सोशल मीडिया संबंधी अपराधो की रोकथाम हेतु क्राइम ब्रांच फ्रॉड इन्वेस्टिगेशन टीमों को लगाया गया है ।
क्राईम ब्रांच इंदौर की फ्रॉड इंन्वेस्टीगेशन सेल की टीम द्वारा आवेदक सरफराज निवासी इंदौर से फ्राड की संपूर्ण जानकारी लेकर जांच की, जिसमे ज्ञात हुआ कि आवेदक के द्वारा अपनी दुकान पर फोन–पे का QR code लगवाने के लिए फोन–पे का कर्मचारी अनावेदक (1).सुमित पिता मानिया हरोडे निवासी ग्राम काजली पोस्ट मुल्ताई जिला बैतूल, वर्तमान निवास इंदौर से संपर्क करते, अनावेदक के द्वारा आवेदक का मोबाइल phonepay QR code इंस्टॉलेशन के नाम से प्राप्त कर, बिना आवेदक को बताए उसके मोबाइल में paytm इंस्टॉल कर सभी जानकारी प्राप्त करके आवेदक के यूनियन बैंक खाते से 01 लाख रुपए स्वयं के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करके ट्रांजेक्शन से संबंधित सभी नोटिफिकेशन मैसेज डिलीट करके आवेदक को मोबाइल वापस कर ठगी की गई थी।
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जिसमे तत्काल क्राईम ब्रांच इंदौर की फ्रॉड इंन्वेस्टीगेशन सेल के द्वारा अनावेदक से संपर्क कर, आवेदक की आहरित राशि 1 लाख रूपये उसके स्वंय के बैंक खाते मे सकुशल वापस कराई गई।
आमजन को सूचित किया जाता है इस तरह किसी भी बैंक या वॉलेट कंपनी के कर्मचारी पर जल्दबाजी में भरोसा न करे एवं उसके द्वारा किए गए सभी कार्यों पर पूरी नजर रखे,इस तरह की घटना की सूचना तुरंत अपने नजदीकी थाने पर दे या क्राइम ब्रांच इंदौर पुलिस द्वारा संचालित सायबर हेल्पलाइन नं. 704912-4445 पर सूचित करे।