कोरोना वायरस की लड़ाई में आगामी 100 से 125 दिन भारत के लिए सबसे कठिन हैं। इन्हीं दिनों में न सिर्फ देश को दूसरी लहर से बाहर निकालना है बल्कि नई लहर को आने से भी रोकना है. इस अवधि के दौरान टीकाकरण को इस गति पर लेकर आना है कि अगर संक्रमण बढ़ता भी है तो यह अधिक गंभीर या फिर जानलेवा न हो सके.
यह जानकारी देते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि अभी देश के 73 जिलों में रोजाना 100-100 से अधिक मामले मिल रहे हैं. जबकि 47 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना की संक्रमण दर रोजाना 10 फीसदी से अधिक मिल रही है. मणिपुर में नौ, केरल में आठ, राजस्थान में छह और मेघालय-मिजोरम में पांच-पांच जिलों में सबसे ज्यादा सैंपल कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं.
डॉ. पॉल ने कहा कि सरकार एक तरफ फॉर्मा कंपनियों का हर क्षेत्र में सहयोग करते हुए वैक्सीन उत्पादन बढ़ा रही है और दूसरी ओर टीकाकरण भी तेजी से करवा रही है. यह वक्त जनता, सरकार और प्रशासन के लिए चुनौतियों से भरा हुआ है. जमीनी स्तर पर कार्य करने वाला हर कोरोना योद्घा राष्ट्रीय सम्मान के लायक है.
प्रेस कान्फ्रेंस में डॉ. वीके पॉल ने तमिलनाडु पुलिस पर हुए आईसीएमआर के अध्ययन की जानकारी भी दी। बीते 24 जून को अमर उजाला ने इस अध्ययन को प्रकाशित किया था जिसके अनुसार कोरोना महामारी की लड़ाई लड़ रहे पुलिस जवानों का अलग अलग समूह लेकर यह जानने का प्रयास किया गया था कि वैक्सीन न देने, एक खुराक या फिर दो खुराक देने के बाद क्या असर पड़ता है. इसमें पता चला कि एक खुराक देने के बाद मृत्यु दर को 82 फीसदी तक कम किया जा सकता है. जबकि दोनों खुराक लेने वालों में यह मृत्युदर 95 फीसदी तक कम हो सकती है.
कोरोना वायरस की लड़ाई में आगामी 100 से 125 दिन भारत के लिए सबसे कठिन हैं. इन्हीं दिनों में न सिर्फ देश को दूसरी लहर से बाहर निकालना है बल्कि नई लहर को आने से भी रोकना है। इस अवधि के दौरान टीकाकरण को इस गति पर लेकर आना है कि अगर संक्रमण बढ़ता भी है तो यह अधिक गंभीर या फिर जानलेवा न हो सके.
यह जानकारी देते हुए नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि अभी देश के 73 जिलों में रोजाना 100-100 से अधिक मामले मिल रहे हैं. जबकि 47 जिले ऐसे हैं जहां कोरोना की संक्रमण दर रोजाना 10 फीसदी से अधिक मिल रही है. मणिपुर में नौ, केरल में आठ, राजस्थान में छह और मेघालय-मिजोरम में पांच-पांच जिलों में सबसे ज्यादा सैंपल कोरोना संक्त्रस्मित पाए जा रहे हैं.
डॉ. पॉल ने कहा कि सरकार एक तरफ फॉर्मा कंपनियों का हर क्षेत्र में सहयोग करते हुए वैक्सीन उत्पादन बढ़ा रही है और दूसरी ओर टीकाकरण भी तेजी से करवा रही है। यह वक्त जनता, सरकार और प्रशासन के लिए चुनौतियों से भरा हुआ है। जमीनी स्तर पर कार्य करने वाला हर कोरोना योद्घा राष्ट्रीय सम्मान के लायक है।
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