निकाय चुनाव में टिकट बंटवारे के दौरान असमंजस की स्थिति बनी हुई है। बताया जा रहा है कि नगर निगम, नगर पालिका, नगर परिषद, हर वार्ड से करीब एक या दो नहीं बल्कि 10 से 15 दावेदार हैं। लेकिन इन सब में टिकट एक मिलना तय है।
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बताया जा रहा है कि कांग्रेस बकायदा वचन पत्र भरवा रही है। जिसमें लिखवाया जा रहा है कि “मैं पार्षद का दावेदार हूं टिकट नहीं मिला तो निर्दलीय भी नहीं लडूंगा” ऐसे में दिग्विजय सिंह विधानसभा चुनाव के दौरान कार्यकर्ताओं को कसम भी खिलवा चुके हैं ।
कांग्रेस नेताओं को डर है कि वार्ड में अगर ज्यादा निर्दलीय उम्मीदवार खड़े हों जाते है तो पार्टी को नुकसान होगा। ऐसे भी खासकर इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर, भोपाल सहित 16 निकायों में बड़ा नुकसान हो सकता है। जिसके चलते कांग्रेस ने वचन पत्र तो भरवाए ही हैं साथ ही में कांग्रेस उम्मीदवारों से बायोडाटा लेते समय वचन पत्र भरवाने के साथ शपथ भी दिलवाई हैं। शपथ के दौरान उनसे बुलवाया गया कि “कसम खाओ, बगावत नहीं करोगे”।
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लेकिन सोचने वाली बात यह है कि नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस आखिरकार यह तरीका क्यों अपना रही है। लेकिन यह हटकंडा कांग्रेस ने पहली बार अपनाया है। नगरीय निकाय चुनाव में प्रदेश के हर निकाय में निर्दलीयों ने बीजेपी कांग्रेस के उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दी थी। जिसने कांग्रेस के नेता भी शामिल थे, जिसके बाद भोपाल में कई निर्दलीय मैदान में उतरगए। जिससे कि बड़ा नुकसान कांग्रेस को उठाना पड़ा , जिससे कई वोट बट गए थे। इसीलिए अब कांग्रेस ने ये तरीका अपनाया है। प्रदेश में नगरीय निकाय के चुनाव दो चरणों में होंगे। जिसके लिए 11 से 18 जून के बीच नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इसीलिए अब बाद बीजेपी और कांग्रेस उम्मीदवारों का चयन कर रही है और नगरीय निकाय चुनाव की तैयारियां जोर शोर से की जा रही हैं।