इंदौर : 75वें गणतंत्र दिवस को और भी ख़ास बनाते हुए इंदौर के एक एनजीओ ग्लैड इंडिया फाउंडेशन ने बस्तियों के, श्रमिकों के बच्चों के लिए एक विशेष कलरिंग कॉम्पिटिशन का आयोजन किया। भाग लेने वाले कई बच्चे ऐसे थे जिनके पास शिक्षा और संसाधनों तक पहुंच नहीं है।
चौकाने वाली बात है कि 30 प्रतिभागियों में से केवल दो बच्चे नियमित रूप से स्कूल जा रहे थे। इनमें से अधिकांश बच्चों के लिए पेंसिल पकड़ना भी एक नया अनुभव था, जो उनके लिए मदद की तत्काल आवश्यकता को बताता है। ग्लैड इंडिया फाउंडेशन ने आने वाले समय में इन बच्चों के जीवन में खुशियां और रंग लाने का संकल्प लिया।
ग्लैड इंडिया फाउंडेशन की श्रीमती संघमित्रा घोष ने बताया कि आशा के रंगों से आसमान रचते हुए, हमारी इस छोटी सी कोशिश से उम्मीद है कि बहुत कुछ ना सही, कुछ बदलाव जरूर होगा। ग्लैड इंडिया फाउंडेशन वंचित बच्चों के लिए और अधिक अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है, यह सुनिश्चित करता है कि प्रत्येक बच्चे को एक उज्ज्वल भविष्य बनाने का मौका मिले। ग्लैड इंडिया फाउंडेशन का प्रयास रहेगा कि समाज के सबसे कमजोर बच्चे को भी साक्षर बनाने के लिए बुनियादी अक्षर ज्ञान मिल सके और वे बच्चे भी स्कूल जा सकें जो अभी भी शिक्षा और अपने विकास से दूर हैं। हमें विश्वास है कि हमारी यह पहल उन्हें एक आत्मनिर्भर नागरिक बनकर देश के विकास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।