एक तरफ कोरोना पीड़ित मरीजों को अस्पतालों में इलाज के लिए परेशान होना पड़ रहा है दूसरी तरफ उन्हें और परिजनों को लूट पट्टी और इंजेक्शनों की कालाबाजारी का भी सामना करना पड़ रहा है ..लगातार इस बारे में शिकायतें आने और मीडिया द्वारा भी प्रशासन को इस बारे में अवगत कराने पर आज कलेक्टर मनीष सिंह ने छोटे अस्पताल संचालकों की बैठक ली, जिसमें कई शिकायतें सही पाई गई , नतीजतन हाथों हाथ इन अस्पताल संचालकों और उनके जिम्मेदार कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की गई.
एप्पल हॉस्पिटल ,जिसके खिलाफ पिछले साल भी कोरोना मरीजों के साथ लूट की कई शिकायतें सामने आई थी , इस बार फिर इसी तरह की गड़बड़ी आने पर हॉस्पिटल की मेडिकल शॉप को सील किया गया और रेमडीसीवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में दो आरोपियों के खिलाफ भंवरकुआं पुलिस द्वारा एफआईआर भी दर्ज करवाई जा रही है , इसी तरह गौरव हॉस्पिटल ,साईं हॉस्पिटल और राउ के मिनेश हॉस्पिटल के खिलाफ भी अधिक बिलिंग और ज्यादा शुल्क वसूलने की शिकायतें सामने आई , जिसके चलते उनकी बिलिंग की जांच कलेक्टर द्वारा करवाई जा रही है और इसके साथ ही साईं और मिनेश हॉस्पिटल में अब नए मरीजों की भर्ती भी रुकवा दी है और दोनों अस्पतालों का स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी किया गया लाइसेंस भी निरस्त कर दिया है.
कलेक्टर ने भरी बैठक में ही अस्पताल संचालकों की लू उतार दी और एक कर्मचारी को वहीं से उठवा कर थाने भी भिजवा दिया , कलेक्टर मनीष सिंह द्वारा इंजेक्शन की कालाबाजारी और अन्य शिकायतों पर शुरू की गई इस कार्रवाई से जनता को राहत मिलेगी और इससे हो रही लूट पट्टी पर लगाम लगने के साथ अन्य अस्पतालों को भी सबक मिलेगा , खासकर जो अस्पताल मरीजों से मनमाना शुल्क ले रहे हैं और इंजेक्शन की कीमतें भी ज्यादा वसूल रहे हैं.
कलेक्टर ने दो टूक कहा है कि इंजेक्शन जिस कीमत पर डीलर से मिलता है उसी पर मरीजों को उपलब्ध कराया जाए अन्यथा कालाबाजारी के मामले दर्ज किए जाएंगे .एप्पल हॉस्पिटल की मेडिकल शॉप के मालिक गिरीश गर्ग और कर्मचारी भरत चौधरी के खिलाफ तहसीलदार सुदीप मीणा द्वारा थाना भंवरकुआ पर FIR दर्ज कराई जा रही है . मेडिकल शॉप से 28 इजेक्शन भी जब्त किए गए जो हॉस्पिटल को ही सौप दिये ताकि भर्ती मरीजो को लग सके.