उज्जैन। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रविवार को वाल्मिकी जयन्ती के अवसर पर शिप्रा नदी के किनारे स्थित वाल्मिकीधाम पहुंचे। उन्होंने वाल्मिकीधाम के पीठाधीश्वर बालयोगी उमेशनाथजी महाराज से सौजन्य भेंट की। साथ ही उन्हें आगामी 11 अक्टूबर को श्री महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम का निमंत्रण-पत्र प्रदान किया। मुख्यमंत्री ने वाल्मिकीधाम पहुंच कर स्वामी सोहनदासजी महाराज के समाधि स्थल पर पुष्पमाला अर्पित की तथा नमन किया। इसके पश्चात उन्होंने बालयोगी उमेशनाथजी महाराज को शाल और माला भेंट कर प्रणाम किया।
वाल्मिकीधाम आश्रम की ओर से मुख्यमंत्री को वाल्मिकीजी का चित्र और वाल्मिकी रचित रामायण भेंट की। कार्यक्रम में स्वागत भाषण उच्च शिक्षा मंत्री डॉ.मोहन यादव ने दिया। उन्होंने कहा कि उज्जैन शहर में निरन्तर विकास के कार्य हो रहे हैं। यह उज्जैन का स्वर्णिमकाल चल रहा है। आगामी 11 अक्टूबर को हम सभी एक नया इतिहास रचते हुए देखेंगे।
कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रभारी मंत्री जगदीश देवड़ा, नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्रसिंह, सांसद अनिल फिरोजिया, महापौर मुकेश टटवाल, सभापति कलावती यादव, विवेक जोशी, पूर्व विधायक राजेन्द्र भारती एवं अन्य गणमान्य नागरिक तथा प्रशासनिक अधिकारी मौजूद थे। वीडी शर्मा ने कहा कि आज वाल्मिकी जयन्ती के अवसर पर सांस्कृतिक और आध्यात्मिक समारोह का अभ्युदय उज्जैन में हो रहा है। उन्होंने वाल्मिकी जयन्ती पर सभी को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में वाल्मिकी महाकुंभ का आयोजन किया जायेगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस अवसर पर कहा कि उज्जैन में अदभुत आनन्द बरस रहा है। आज वाल्मिकी जयन्ती के अवसर पर हम सभी ने भगवान वाल्मिकी के चरणों में प्रणाम किया है। भगवान वाल्मिकी हमें सदमार्ग पर चलायें, बस यही इच्छा है। सिंहस्थ में हमने पूरे भारत को समरसता का सन्देश दिया था। आने वाले समय में वाल्मिकी महाकुंभ का आयोजन उपयुक्त स्थान पर किया जायेगा। इसके लिये पीठाधीश्वर द्वारा तिथि का निर्धारण कर शासन को सूचना दी जाये। शासकीय अभिलेखों में भी आश्रम का नाम भगवान वाल्मिकीधाम ही दर्ज होगा। अगली बार से वाल्मिकी जयन्ती के अवसर पर शासकीय सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जायेंगे। मुख्यमंत्री ने आम जनता को आगामी 11 अक्टूबर को महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम में पधारने का निमंत्रण दिया। उन्होंने कहा कि कई वर्षों में कभी-कभार ऐसे क्षण आते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ-2016 में हुई परिचर्चा में यह विषय आया था कि भगवान महाकालेश्वर के दर्शन के बाद उनकी लीलाओं तथा उनसे जुड़ी कथाओं के दर्शन के लिये उपयुक्त स्थान बनाया जाये। आज वह स्थान बनकर पूर्ण रूप से तैयार हो चुका है। इसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने आम जनता को भी 11 अक्टूबर को होने वाले कार्यक्रम का निमंत्रण दिया।
वाल्मिकीधाम के पीठाधीश्वर बालयोगी उमेशनाथजी महाराज ने इस अवसर पर कहा कि शरद पूर्णिमा पर प्रतिवर्ष वाल्मिकी जयन्ती मनाई जाती है। भगवान वाल्मिकी ने सामाजिक समरसता की रचना की, मर्यादा का सूत्र दिया, जिसके पश्चात भगवान राम मर्यादा पुरूषोत्तम कहलाये। वे करोड़ों लोगों की श्रद्धा का केन्द्र हैं। आज वाल्मिकी जयन्ती के अवसर पर हम सभी महर्षि वाल्मिकी रचित रामायण को पढ़ें और उनके द्वारा बताये गये आदर्शों को अपने जीवन में शामिल करें।
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बालयोगी उमेशनाथजी महाराज ने महाकाल लोक के लोकार्पण कार्यक्रम के लिये अपनी ओर से शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम की चर्चा देश-विदेशों में होगी। पूरा वाल्मिकी समाज कार्यक्रम में अपनी ओर से आवश्यक सहयोग प्रदान करेगा। इसके पश्चात मुख्यमंत्री एवं अन्य अतिथियों द्वारा वाल्मिकी जयन्ती के अवसर पर आयोजित किये जा रहे भण्डारे में भोजन भी ग्रहण किया गया।