Indore: सीके बिरला ग्रुप की कंपनी एप्टेक लिमिटेड पीथमपुर के मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज जैन के विरुद्ध वारंट जारी किया गया है. एवटेक और हिंदुस्तान मोटर्स श्रमिक संघ के महामंत्री विजय पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया कि कंपनी के अधिकारी मगण श्रमिकों के साथ दादागिरी, गुंडागर्दी और दबाव की नीति अपनाने के लिए वैसे ही कुख्यात है. कंपनी प्रबंधन की ओर से मध्यप्रदेश शासन से मिलीभगत करते हुए 217 श्रमिकों की छंटनी कर दी गई है और श्रमिकों की मांगों को मनवाने के लिए जो दूसरे 41 श्रमिक संघर्ष कर रहे थे, उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है.
यूनियन की ओर से इन 41 श्रमिकों को नौकरी से निकाल देने के विरुद्ध न्यायालयीन कार्रवाई में अपना पक्ष रखा गया. जिसमें यह सामने आया कि कंपनी को इन 41 कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की अनुमति नहीं मिली है. जिसके चलते कंपनी के विरुद्ध उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश में याचिका दायर की गई.
दायर की गई याचिका में उच्च न्यायालय की ओर से श्रमिकों के पक्ष में आदेश देते हुए याचिका की कार्रवाई चलने तक वेतन भुगतान के आदेश दिए गए हैं. इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय ने भी कायम रखा. लेकिन एप्टेक कंपनी श्रमिकों का वेतन का भुगतान नहीं कर रही है. कंपनी के इस रवैया को देखते हुए यूनियन की ओर से मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज जैन और कारखाना प्रबंधक के विरुद्ध उच्च न्यायालय इंदौर के आदेश की अवहेलना के लिए कंटेंप्ट पिटिशन दायर की गई. जिसके बाद उच्च न्यायालय ने आदेश जारी कर कंपनी के डायरेक्टर नीरज जैन और प्रबंधक को इंदौर उच्च न्यायालय की दो सदस्यीय पीठ न्यायमूर्ति विवेक रूसीया और राजेंद्र वर्मा के समक्ष उपस्थित होने के लिए जमानती वारंट जारी किया गया है. श्रमिक यूनियन की ओर से वरिष्ठ अभिभाषक बायन डिसिल्वा और धर्मेंद्र शर्मा ने अपना पक्ष रखा है.