- सरकार के आश्वासन के बाद पहलवानों ने बदले अपने सुर
नई दिल्ली। पहलवानों और केंद्र सरकार के बीच बातचीत से चल रहा आंदोलन थमने की ओर बढ़ने लगा है। सरकार ने पहलवानों के कई मांगों पर अपनी हामी भर उनके गुस्से को शांत करने में सफलता हासिल कर ली है। सरकार पहलवानों के उपर दर्ज मुकदमें को वापस लेने की हामी भर और आंतरिक जांच के लिए कमेटी बनाने का एलान कर पहलवानों के आंदोलन को खत्म करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। सरकार के एलान से पहलवानों के मन में उम्मीद की किरणें जग गई है।
इस बाबत केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पहलवानों के साथ सकारात्मक रही। पहलवानों के साथ कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पहलवानों ने जो—जो आरोप लगाए है, उन आरोपों की जांच पूरी कर 15 जून तक चार्जशीट दायर की जाएगी। इसके अलावा रेसलिंग फेडरेशन आफ इंडिया का चुनाव भी 30 जून तक कर लिया जाएगा। पहलवानों की मांगों को देखते हुए रेसलिंग फेडरेशन की आंतरिक शिकायत कमेटी बनाई जाएगी। इसकी अध्यक्षता किसी महिला को सौंपा जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब तक रेसलिंग फेडरेशन आफ इंडिया का चुनाव नहीं होते हैं तब तक तकनीकि दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए काम किया जाएगा, इसके उपर दो कोचों का नाम प्रस्तावित किया जाएगा। जब रेसलिंग फेडरेशन आफ इंडिया के चुनाव हो, तो एक अच्छी फेडरेशन के रूप में चले, अच्छे पदाधिकारी उसमें आए, इसके लिए खिलाड़ियों से रायशुमारी की जाएगी।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि निर्वतमान अध्यक्ष बृजभूषण सिंह और उनके रिलेटिव चुनकर फेडरेशन में न आए यह पहलवानों की मांग थी। हालांकि खिलाड़ियों की इस मांग पर सरकार ने क्या निर्णय लिया, इसकी जानकारी केंद्रीय मंत्री न नहीं दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि महिला खिलाड़ियों को और बाकी खिलाड़ियों को आवश्यकता अनुसार सुरक्षा प्रदान की जाएगी। जिन खिलाड़ियों के या अखाड़ों के खिलाफ आंदोलन के दौरान मुकदमें दर्ज किए गए हैं, उनको वापस लेने की मांग पहलवानों ने की है। खिलाड़ियों ने कहा कि वह चाहते हैं कि 15 जून तक चार्जशीट दायर हो। खिलाड़ियों ने भी कहा है कि तब तक वह अपना प्रदर्शन नहीं करेंगे। दूसरी ओर बजरंग पुनिया ने कहा कि सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि पुलिस जांच 15 जून तक पूरी कर ली जाएगी। हमने अनुरोध किया है कि पहलवानों के खिलाफ सभी प्राथमिकी वापस ली जानी चाहिए और उन्होंने इसके लिए हामी भर दी है। अगर 15 जून तक कोई कार्रवाई नहीं हुई तो हम अपना विरोध जारी रखेंगे।