मध्यप्रदेश शिक्षा विभाग ने स्कूलों में पढ़ाई को नियमित बनाए रखने के लिए महिला शिक्षकों के लिए विशेष आवास योजना की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इसके तहत स्कूलों के पास ही घर बनाए जाएंगे, ताकि शिक्षकों को लंबी दूरी तय करने की जरूरत न पड़े। इस योजना का कार्यान्वयन लोक शिक्षण संचालनालय के माध्यम से किया जाएगा और इसका डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) जिलों से मिली जानकारी के आधार पर तैयार किया जाएगा।
कठिन पहुंच वाले इलाकों में प्राथमिकता
आवास निर्माण ऐसे स्कूलों के पास किया जाएगा, जहां आवाजाही कठिन है और नियमित पढ़ाई प्रभावित हो सकती है। लोक शिक्षण संचालनालय ने सभी जिलों को इस संबंध में निर्देश भेजे हैं। जिलों को पहले जमीन की तलाश कर रिपोर्ट भेजनी थी, लेकिन वर्षा के कारण यह काम अस्थायी रूप से रुक गया। अब इसे फिर से शुरू किया जाएगा। योजना के तहत हर जिले में 100 आवास बनाए जाएंगे और महिला शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
बहुमंजिला इमारत में फ्लैट का निर्माण
इस प्रोजेक्ट के तहत केवल स्वतंत्र मकान ही नहीं बल्कि बहुमंजिला इमारतें (फ्लैट) बनाई जाएंगी। हर जिले से इसके लिए तीन से पांच एकड़ जमीन चिन्हित करने को कहा गया था। यह पहला चरण है और हर विकासखंड मुख्यालय पर 100 आवास बनाए जाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। लोक शिक्षण संचालनालय के संचालक डीएस कुशवाहा ने जिलों से रिपोर्ट लेने और समीक्षा करने के निर्देश जारी किए थे।
योजना से लाभान्वित होंगे हजारों शिक्षक
मध्यप्रदेश में कुल 94 हजार स्कूल हैं, जिनमें एक लाख से अधिक महिला शिक्षक कार्यरत हैं। ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में इनकी संख्या लगभग 25 हजार से अधिक है। वर्तमान में सरकार गांवों और छोटे जिलों के स्कूलों में पदस्थ महिला शिक्षकों के लिए ही आवास निर्माण करने की योजना बना रही है। इस पहल से शिक्षकों को सुरक्षा, सुविधा और स्कूल के पास रहने का लाभ मिलेगा, जिससे पढ़ाई की गुणवत्ता में सुधार होगा।