आर्टिकल
सोशल मीडिया: लोकतंत्र को सींच रहा है या उसकी जड़ें खोद रहा है?
अजय बोकिल इसे संयोग मानें या कुछ और कि दुनिया के सबसे अमीर शख्स एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म ट्विटर को 44 अरब डाॅलर में जिस दिन खरीदा, उसके
Powder Milk के लिए रचा गया था Bad Marketing का खेल, बर्बाद हुआ था लाखों लीटर का दूध
विशुद्ध चैतन्य 1954 में जब Powder Milk (सूखा दूध) जब मार्केट में दिया तो कोई नही खरीद रहा था। ये कम्पनियां बर्बाद होने को थी। तब इन्होंने BAD MARKETING का
राज – काज : अमित शाह के दौरे के दौरान के ये दिलचस्प वाक्य
दिनेश निगम ‘त्यागी’ अमित शाह का भोपाल दौरा किसी मेगा शो से कम नहीं था? इस दौरान कुछ दिलचस्प वाक्य भी हुए, जिनकी चर्चा लोगों की जुबान पर है। जैसे,
मुसलमानों के अधिकारों की लड़ाई क्या हिंदू लड़ेगा ?
श्रवण गर्ग हुकूमत अगर बहुसंख्यक वर्ग के कट्टरपंथी दंगाइयों के साथ खड़ी नज़र आती हो तो लोकतंत्र और अल्पसंख्यकों की रक्षा की ज़िम्मेदारी किसे निभानी चाहिए ? असग़र वजाहत एक
बधाई हो दीनबंधु दीनानाथ
राकेश अचल दीनानाथ मंगेशकर खुश होंगे कि उनके नाम का पुरस्कार देश के दूसरे दीनबंधु नरेंद्र भाई मोदी को मिला है .दीनानाथ जी के नाम से ये पुरस्कार उनकी बेटी
सत्य के साथ सामाजिक दायित्व का निर्वाह भी करती है पत्रकारिता
प्रवीण कक्कड़ एक जमाने में कहा जाता था कि भारतीय समाज में 3 सी सबसे ज्यादा प्रचलित हैं। सिनेमा, क्रिकेट और क्राइम। लेकिन आज के सार्वजनिक संवाद को देखें तो
मर्यादा पार करते टीवी चैनल
जयप्रकाश दुनियाभर की निगाह रुस यूक्रेन युध्द पर लगी हुई है। अगर बात करें रूस की तो रूस परंपरागत रूप से भारत का दोस्त रहा है और संकट के कई
महामना ट्रेन में हुए हादसे में बाल-बाल बचे राकेश अग्निहोत्री, फेसबुक पोस्ट शेयर कर सभी को कहा- शुक्रिया
धन्यवाद के लिए शब्द नहीं फिर भी दिल से सभी का बहुत-बहुत शुक्रिया। शुक्रिया महामना ट्रेन में बुधवार को हुए हादसे के वक्त मेरा सहयोग कर मनोबल बढ़ाने वाले जाने
विश्व पुस्तक दिवस विशेष : ‘गीता रहस्य अथवा कर्मयोगशास्त्र’
कागज स्याही के आभाव के बीच उन्होंने इस महान पुस्तक को मंडाले की जेल में लिखा था। लोकमान्य ने इस पुस्तक में मोक्ष की कामना की बजाय कर्म की महत्ता
Koo App ने ‘भारत की आध्यात्मिक यात्रा’ किया शुरू, डिजिटल रूप से लाएगा भक्तों के करीब
मेड-इन-इंडिया सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म कू ऐप (Koo App) ने ‘इंडिया स्पिरिचुअल जर्नी’ यानी भारत की आध्यात्मिक यात्रा अभियान शुरू किया है। यह भक्तों को भारत के मंदिरों और आध्यात्मिक केंद्रों
धरती माता को बुखार, है कोई सुनने वाला!
पृथ्वी दिवस/जयराम शुक्ल धरतीमाता का ताप साल-दर-साल बढ़ता ही जा रहा है। पिछले साल के मुकाबले इस साल तापमान कुछ और डिग्री ज्यादा रहेगा, मौसम वैज्ञानिकों ने ऐसा अनुमान व्यक्त
एक अनुष्ठान, जो आंदोलन बन गया
राजेश बादल पिछले सप्ताह तीन दिन देश की हिंदी पत्रकारिता के बड़े घराने इंदौर में बीते। इस घराने से शानदार संपादक निकले। राहुल बारपुते, राजेंद्र माथुर, प्रभाष जोशी, शरद जोशी
इन हिंसक भीड़ों पर नियंत्रण ज़रूरी हो गया है !
श्रवण गर्ग धर्म की रक्षा के नाम पर हिंसक भीड़ों के जो समूह सड़कों पर लगातार बढ़ते जा रहे हैं उन पर नियंत्रण क़ायम करने का क्षण आ पहुँचा है।इस
राज-काज : इस तहजीब से सबक लेंगे नफरत के सौदागर
दिनेश निगम ‘त्यागी’ जल्दी भारत की दो तस्वीर देखने को मिल गई। एक, रामनवमी पर खरगोन सहित देश के कई हिस्सों में दंगे हुए। हनुमान जयंती पर दिल्ली में दंगा
राजवाड़ा 2 रेसीडेंसी : शिवराज मंत्रिमंडल का हिस्सा बनने के बाद सिलावट एक अलग अंदाज में हैं
अरविंद तिवारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के बहुत नजदीकी माने जाने वाले प्रदेश के कुछ कैबिनेट मंत्री यह जानने में लगे हुए हैं कि आखिर ऐसा क्या कारण है कि
सुपरहीरो है राजगढ़ के हनुमान जी – आनंद शर्मा
रविवारीय गपशप ——————— कल मेरे बच्चों ने मुझसे पूछा कि आपका सबसे फ़ेवरेट सुपर हीरो कौन है ? मैंने बेहिचक कहा हनुमान जी , बच्चे पहले तो मुस्कुराये फिर बोले
पुलिस सुधार-2 : समाज के साथ संवेदनशील हो पुलिस का व्यवहार – प्रवीण कक्कड़
इस लेख के पहले भाग में हमने पुलिस सुधार के उन बिंदुओं पर चर्चा की थी जिनको अपनाकर पुलिसकर्मियों की समस्याएं दूर की जा सकती हैं। उनका और उनके बच्चों
खरगोन में क्यों भड़की आग, खरगोन जैसा देखा
( ग्राउंड रिपोर्ट ) दृश्य एक – खरगोन के काजीपुरा में पैंसठ साल की बुजुर्ग कांता का मकान। पूरी उमर इस दो कमरे के मकान में रहते गुजर गयी मगर
अपन के गुरदेव तो बजरंगी हैं!
जयराम शुक्ल रामकथा की पोथी-पोथन्ना रचने वाले गोस्वामीजी के लिए बजरंगबली देवता, ईश्वर नहीं, बल्कि गुरु हैं। तो उन्हीं की देखादेखी अपन ने भी बजरंगबली को गुरुदेव मान लिया। वास्तव
क्या पत्रकारिता वाकई ‘पेन प्रस्टीट्यूट’ बन गई
जयराम शुक्ल भारत में पहले अखबार ‘बंगाल गजट’ का निकलना एक दिलचस्प घटना थी। वह 1780 का साल था ईस्ट इंडिया कंपनी वारेन हेस्टिंग के नेतृत्व में मजबूती के साथ


























