पाकिस्तान-अफगानिस्तान के बीच तनाव का माहौन बन गया है। दोनों ने एक दुसरे पर गोलियां चालाई। जिसमें एक की मौत और 15 लोगों की घायल होने की खबर मिली है। मिली जानकारी के अनुसार, अफगानिस्तान तालिबान ने चमन बॉर्डर पर गोलियों बरसाई थी। जबावी कार्यवाही में पाकिस्तानी सेना को महंगा पड़ा।
चमन के डिप्टी कमिश्नर के अनुसार अस्पतालों में आपात स्थिति घोषित कर दी गई है और नागरिकों को माल रोड, बोगरा रोड बाईपास और बॉर्डर रोड से खाली करने के लिए कहा गया है।
कंटीली तारों की मरम्मत के दौरान बिगड़ा माहौल
जिओ न्यूज के अनुसार पाकिस्तान के अधिकारियों ने कहा है कि सीमा के शेख लाल मुहम्मद सेक्टर में बाड़ की मरम्मत के दौरान अफगान तालिबान ने आपत्ति जताई. इसके बाद स्थिति बेकाबू हो गई। देखते ही देखते इलाके में गोलियां चलने लगी। रिपोर्ट के अनुसार तालिबान इलाके में मोर्टार और तोप से पाकिस्तान नागरिकों और ठिकानों को निशाना बना रहा है।
4 दिन पहले ही तालिबान की फायरिंग में मारे गए थे 7 पाकिस्तानी
बता दें कि ये घटना चार दिनों में दूसरी घटना है। इससे पहले रविवार को अफगानिस्तान तालिबान की ओर से हुई फायरिंग में 7 पाकिस्तानी मारे गए थे और 20 से ज्यादा घायल हो गए थे। तब पाकिस्तान ने कहा था कि इस बाबत अफगानिस्तान से बात हो गई है और ये मामला खत्म हो गया है. लेकिन पाकिस्तान की ओर से ऐसा बयान आने के कुछ बी घंटे बाद बॉर्डर पर माहौल एक बार फिर जंग के जैसा हो गया है।
A border clash between Taliban forces and the Pakistani military at the Spin Boldak-Chaman .
Source say Clash going on and Both side And many civilians have been injured . #Pakistan #Afghanistan pic.twitter.com/ep2hSetmeW— Abdulhaq Omeri (@AbdulhaqOmeri) December 15, 2022
गोलियों की आवाज और मोर्टार की शेलिंग
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा जा सकता है कि पाकिस्तान की ओर स्थित चमन बॉर्डर पर अफगानिस्तान की ओर से लगातार गोलियां चलाई जा रही हैं। बीच में शेलिंग की भी आवाजें आ रही है। अफगानिस्तान तालिबान की ओर से की जा रही फायरिंग का सबसे ज्यादा असर महिलाओं और बच्चों पर पड़ा है। फायरिंग की वजह से इन्हें अपना सुरक्षित ठिकानों पर शरण लेना पड़ा है।
युद्ध के बहाने बना रहा है पाक-तालिबान
वहीं अफगानिस्तान के रक्षा मंत्रालय ने इस फायरिंग की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर मढ़ी। उन्होंने एक बयान में कहा कि गुरुवार पाकिस्तानी सेना ने कंधार के स्पिन बोल्डक जिले में गोलीबारी की। रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता इनायतुल्लाह ख़्वारज़मी ने कहा, “अफगानिस्तान बातचीत को किसी भी समस्या का एक उचित समाधान मानता है, नकारात्मक कार्य और युद्ध के बहाने बनाना किसी भी पक्ष के हित में नहीं है।
कैसा रहता है स्पिन बोल्दक और चमन बॉर्डर का माहौल
बता दें कि पाकिस्तान-अफगानिस्तान को डूरंड रेखा अलग करती है। इसी डूरंड लाइन के किनारे पर बसा है अफगानिस्तान का कंधार शहर और पाकिस्तान का क्वेटा शहर। डूरंड रेखा इन्हीं दो शहरों के बीच से होकर गुजरती है। बॉर्डर के पास क्वेटा से 120 किलोमीटर दूर है चमन शहर और कंधार में है स्पिन बोल्दक शहर। सामान्य दिनों में कम से कम 10 हजार लोग रोजाना इस सीमा को पार करते हैं और शाम को घर लौटते हैं। इस बॉर्डर पर अफगानिस्तान-पाकिस्तान के लोगों की आवाजाही ऐसी है कि यहां बिशेष ध्यान न देने पर बॉर्डर का पता लगाना ही मुश्किल हो जाता है।
डूरंड लाइन को नहीं मानता है तालिबान
इसी खुले बॉर्डर को बंद करने के लिए पाकिस्तान अपनी सीमा में कांटेदार तार लगा रहा है, ताकि हथियारों, ड्रग्स की तस्करी रोकी जा सके और अफगानिस्तान से घुसपैठिये पाकिस्तान में न घुस पाएं। इस फेंसिंग का तालिबान विरोध कर रहा है। अफगानिस्तान तालिबान डूरंड रेखा को मानने से ही इनकार करता है। उसका दावा है कि अफगानिस्तान का सीमा विस्तार आगे तक जाता है। इस वजह से दोनों देशों के बीच टकराव होते रहते हैं। मौजूदा टकराव की भी यही वजह है।
गौरतलब है कि अफगानिस्तान प्रशासन द्वारा विरोध की वजह से 2017 में बाड़ेबंदी का काम शुरू करने के बावजूद पाकिस्तान अपनी सीमाओं की घेराबंदी अबतक नहीं कर पाया है।
बता दें कि 14 जुलाई 2021 को तालिबान ने अफगानिस्तान के सरकारी गार्डों को हटाकर इस चौकी पर कब्जा कर लिया था. इसी सीमा पर 16 जुलाई 2021 को तालिबान ने भारत के फोटो-पत्रकार दानिश सिद्दीकी की हत्या कर दी थी।
पाकिस्तानियों पर भारी पड़ रहे तालिबानी
बता दें कि हाल के दिनों में पाकिस्तान और अफगानिस्तान तालिबान के बीच तनाव लगातार बढ़ रहा है। 11 दिसंबर को अफगानिस्तान तालिबान की फायरिंग में 7 पाकिस्तानी मारे ही गए थे। जबकि तालिबान ने दावा किया कि उसका एक सैनिक मारा गया था। ये हमला हाल में तालिबानियों द्वारा पाकिस्तान पर किया गया सबसे बड़े हमलों में से एक था। इसकी जानकारी पाकिस्तान संसद को देते हुए पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा था, “उकसावे की शुरुआत अफगानिस्तान ने की थी। हमारे जवान बॉर्डर फेंशिंग की मरम्मत कर रहे थे जब उन पर तालिबानी बलों ने हमला किया। पहले दौर की गोलीबारी में कोई हताहत नहीं हुआ, लेकिन दूसरे दौर में उन्होंने भारी तोपखाने और मोर्टार का इस्तेमाल किया, जिसके परिणामस्वरूप नागरिक मारे गए।
लेकिन इससे पहले भी दोनों पड़ोसियों के बीच रिश्ते कुछ अच्छे नहीं थे.
2 दिसंबर को अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में पाकिस्तान के टॉप कूटनीतिक अधिकारी की हत्या करने की कोशिश की गई। हमलावरों ने अफगानिस्तान में पाकिस्तानी मिशन के प्रमुख उबैद उर रहमान निजामनी पर जानलेवा हमला किया था। लेकिन वे बाल बाल बच गए थे। पाक पीएम शहबाज शरीफ ने इस मामले की जांच की मांग की थी।
पिछले महीने 13 नवंबर को, चमन में पाक-अफगान सीमा को तब बंद कर दिया गया था, जब अफगानिस्तान की ओर से एक हथियारबंद शख्स ने फ्रेंडशिप गेट पर पाकिस्तानी सुरक्षा कर्मियों पर गोलियां चला दी थीं, इसमें एक पाकिस्तानी सैनिक मारा गया था. इसके बाद 22 नवंबर को ये बॉर्डर खोला गया था।
अफगान तालिबान और पाकिस्तान तालिबान का खतरनाक गठजोड़
बता दें कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों के लौटने के बाद अफगानिस्तान तालिबान ने यहां की सत्ता पर कब्जा कर लिया है। पाकिस्तान का आरोप है कि पाकिस्तान तालिबान को अफगानिस्तान तालिबान से वैचारिक और अन्य किस्म का सपोर्ट मिलता है। पाकिस्तान तालिबान को TTP यानी की तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान भी कहते हैं. TTP पाकिस्तानी सैनिकों और वहां के सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाता है।