बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रमुख सतीश अग्निहोत्री को भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते बर्खास्त किया गया

Author Picture
By Pallavi SharmaPublished On: July 8, 2022

रेलवे ने नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड के मेनेजिंग डायरेक्टर सतीश अग्निहोत्री को तत्काल प्रभाव से उनकी सेवा से मुक्त क्र दिया गया है वह सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के प्रभारी थे। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। अधिकारियों ने बताया कि अग्निहोत्री का प्रभार एनएचएसआरसीएल के परियोजना निदेशक राजेंद्र प्रसाद को तीन महीने के लिए सौंपा गया है। एनएचएसआरसीएल, भारत सरकार और हाई-स्पीड रेल परियोजनाओं के क्रियान्वयन के लिए भागीदार राज्यों का एक संयुक्त उद्यम है। यह मुंबई और अहमदाबाद के बीच सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना पर काम करने वाली एजेंसी है।

अधिकारियों ने बताया कि अग्निहोत्री के खिलाफ आधिकारिक पद के दुरूपयोग और अनधिकृत तरीके से धन को एक निजी कंपनी को भेजने सहित कई आरोप लगे हैं। जिसके चलते अग्निहोत्री की सेवाएं समाप्त करने का फैसला लोकपाल अदालत के दो जून के आदेश के बाद आया है। इस आदेश में CBI को एनएचएसआरसीएल के पूर्व एमडी द्वारा एक निजी कंपनी के साथ एक दूसरे को फायदा पहुंचाने के लिए किये गये वादे के आरोपों की जांच का आदेश दिया गया था।

दरअसल अधिकारिओ ने बताया कि अग्निहोत्री ने रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) के सीएमडी के तौर पर नौ साल के अपने कार्यकाल के दौरान इन गतिविधियों पूरा किया था। लोकपाल अदालत ने सीबीआई को यह पता लगाने का निर्देश दिया था कि अग्निहोत्री के खिलाफ क्या भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम, 1988 के तहत कोई अपराध का मामला बनता है। साथ ही निर्देश में कहा गया कि जांच रिपोर्ट लोकपाल कार्यालय को छह महीने में या 12 दिसंबर 2022 से पहले सौंपी जाए। एनएचएसआरसीएल के कंपनी सचिव द्वारा रेलवे बोर्ड के सात जुलाई को भेजे गए पत्र में कहा गया, ‘‘सक्षम प्राधिकार ने सतीश अग्निहोत्री की सेवाएं समाप्त करने को मंजूरी दे दी है। उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवामुक्त किया जाता है।’’

Also Read – MPPEB : उम्मीदवारों के लिए खुशखबरी, इतने हजार पदों निकली है भर्ती, जानें अपडेट

अधिकारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि अग्निहोत्री ने अपनी सेवानिवृत्ति के एक साल के अंदर एक निजी कंपनी में नौकरी शुरू कर दी। यह सरकार के उन नियमों का उल्लंघन है, जो सेवानिवृत्त अधिकारियों को सेवानिवृत्त होने के बाद केंद्र की अनुमति के बगैर एक साल से पहले कोई वाणिज्यिक नियुक्ति स्वीकार करने से रोकता है। संपर्क किये जाने पर अग्निहोत्री ने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि अग्निहोत्री को एनएचएसआरसीएल के प्रमुख के तौर पर प्रतिष्ठित पद मिलने के बाद उनके एक ‘बैचमेट’ ने उनके खिलाफ शिकायत की थी। अग्निहोत्री, 1982 बैच के आईआरएसई (इंस्टीट्यूशन ऑफ रेलवे सिग्नल इंजीनियर्स) अधिकारी हैं। वह रेलवे विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक रह चुके हैं। वह हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड की जुलाई 2012 में स्थापना होने से लेकर अगस्त 2018 तक इसके अध्यक्ष पद पर भी रह चुके हैं। यह आरवीएनएल की एक पूर्ण सब्सिडियरी कंपनी है। अग्निहोत्री को सेवा से बर्खास्त करने का आदेश जारी करने वाले रेलवे ने उनके खिलाफ लगे आरोपों पर आधिकारिक रूप से टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है