इंदौर: पुलिस थाना बाणगंगा पर दिनांक 28/07/22 को फरियादी रवि पिता अमृतलाल वर्मा निवासी बर्फानी धाम विजय नगर ने रिपोर्ट की थी कि उसे रात में करीब 11.30 बजे उसके भाई मृतक सुनील ने फोन करके बताया कि वो करोल बाग रोड पर जोमेटो की डिलेवरी देने जा रहा था कि उसको तीन लड़को ने उसे रोककर पैसो की मांग की और उसके द्वारा नहीं देने पर उसे उन लड़कों ने चाकू से मारा तो वह अपनी मोटर सायकल से अरविंदो अस्पताल गया जहां से उसे एमवाय अस्पताल ईलाज के लिये लेकर गया। रवि द्वारा दी गई सूचना पर अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया । दिनांक 29/07/22 को ईलाज के दौरान युवक सुनिल की मृत्यु हो जाने पर प्रकरण में धारा 302 भादवि का इजाफा किया गया ।
प्रकरण को अत्यन्त गंभीरता से लेते हुए पुलिस आयुक्त नगरीय इंदौर हरिनारायणचारी मिश्र एवं अतिरिक पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) इंदौर मनीष कपूरिया तत्काल घटना का खुलासा कर आरोपियों की पतारसी व गिरफ्तारी हेतु पुलिस उपायुक्त ज़ोन 3 धर्मेन्द सिंह भदौरिया एवं अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त ज़ोन 3 राजेश रघुवंशी, सहायक पुलिस आयुक्त धैर्यशील येवले तथा थाना प्रभारी बाणगंगा राजेन्द्र सोनी को तत्काल टीम गठित कर आरोपियों का पता लगाने हेतु निर्देशित किया गया।
उक्त निर्देशों के अनुक्रम में पुलिस उपायुक्त जोन -03 धर्मेन्द्र भदौरिया द्वारा धाना प्रभारी बाणगंगा के नेतृत्व में विभिन् पाँच टीमों का गठन किया गया। पुलिस टीमों ने घटनास्थल एवं आसपास की बारीकी से जांच की तथा चाकूबाजी व छीना झपटी करने वाले करीबन 60 बदमाशों को चिन्हित किया जाकर एसीपी श्री धैर्यशील येवले के मार्गदर्शन में लगातार विस्तृत पूछताछ की गई । पुलिस की टीमों ने लगातार पूरे दिन तक करीबन 80 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज खंगाले, लेकिन कि घटना स्थल एमआर-10 सर्विस लाईन से अन्दर करोल बाग रोड पर ऐसे स्थान पर था जहाँ पर दूर दूर तक न स्ट्रीट लाईट थी न ही की कोई सीसीटीवी कैमरे मौजूद थे।
घटनास्थल पर सीसीटीवी कैमरे व लाईट ना होने के कारण पुलिस को उक्त घटना का पर्दाफाश करने में बहुत दिक्कत आ रही थी। बड़ी मशक्कत से घटना के बाद मृतक एमआर 10 टोल टैक्स एवं अरविंदो अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज में दिखाई दिया, जिससे जांचकर्ता अधिकारी ने घटना का एक संभावित समय निकाला जो कि करीब रात्रि 23.30 बजे का होना प्रतीत हुआ। इस समय को आधार मानकर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जोन 03 श्री राजेश रघुवंशी द्वारा विभिन्न बदमाशों की तकनीकी के माध्यम से लोकेशन व जानकारी प्राप्त कर विश्लेषण किया जाकर पुलिस टीमों को उपलब्ध कराये गये। वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा भी लगातार अनुसंधान पर नजर रखी जाकर प्रतिदिन विवेचना की समीक्ष की गई।
पुलिस टीमें थाना प्रभारी के नेतत्व में लगातार पूछताछ व मुखबिर तंत्र के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर रहा था। दो बार ऐसी स्थिति भी निर्मित हुई कि संभवतः प्रकरण का खुलासा होने वाला है, लेकिन जब प्राप्त जानकारियों की तथ्यात्मक पुष्टी की गई, तो दोनो बार सफलता नहीं मिली। लेकिन मेहनत कभी व्यर्थ नही जाती के सिध्दांत को मानते हुए वरिष्ठ अधिकरियों द्वारा निर्देश दिए गयें कि चूंकि अपराधी किसी भी कैमरे मे किसी भी गाडी से जाते नही दिख रहे है, इसका मतलब कि वे पैदल ही गये होंगें और घटनास्थल के अत्यंत नजदीकी क्षेत्र के रहे होंगे।
Must Read- रेप केस में फंसे मिर्ची बाबा, संतान सुख प्राप्ति को लेकर करवाई थी पूजा
पुलिस का लगातार पूछताछ करने जानकारी निकालने पर सूचना मिली कि एक लड़का केतन (परिवर्तित नाम) लवकुश चौराहे पर सर्विस लाईन पर भूट्टे का ठेला लगाता हैं, किसी से चर्चा कर रहा था, कि विशाल और अर्जुन ने लौंचा कर लिया हैं, जिसके कारण घर पर सो भी नही पा रहेे है। इस सूचना पर लगातार काम किया गया। जिससे ज्ञात हुआ कि विशाल अर्जुन, और उनके साथी ऐसे 6,7 लडकें है। जो घटना स्थल वाले रोड पर अक्सर नशा करते हैं और राहगीरो के साथ छीनाझपटी भी करते हेै। कल पुनः मुखबिर की सुचना मिलने पर कि एक बाल अपचारी बालक जो कि आईडीए द्वारा निर्माणाधीन सडक पर उसके ठेेले पर मिला उसे पुलिस टीम ने घेराबंदी करके पकडा।
पूछताछ करने पर केतन (परिवर्तित नाम) ने बताया कि घटना दिनांक को उसने अपने साथियों विशाल मेवाडी निवासी कांकड भौरासला, अर्जुन गुरदात निवासी भौरासला कांकड, तीन अन्य नाबालिक साथियों के साथ अंधेरे मे बैठकर शराब, गांजा आदि का नशा कर रहेे थें, कि उसी समय रात्री के करीब 11.30 बजे एक लडका मोटर साईकिल से निकला जिसको हम लोगो द्वारा रोका गया और लूट करने की नियत से विशाल ने छुरी अडा कर पेैसे छीनना चाहा जिससे सिर पर मैने गमछा डाल दिया और सभी ने भागने समय उसका बैग खींचा जो टूट गया था। विशाल ने उसे छुरी से सीने पर मारा और सभी लोगो ने उसका पर्स छीन लिया जिससें करीब 4000 रू. थे। केतन (परिवर्तित नाम) को अभिरक्षा में लेंकर आरोपियों की जानकारी ली जाकर शेष 5 आरोपियों विशाल मेवाडी निवासी कांकड भौरासला, अर्जुन गुरदात निवासी भौरासला कांकड, तीन अन्य नाबालिक साथियों को पुलिस टीम ने पकड़कर अभिरक्षा में लिया।
आरोपियों एवं विधि विरुद्ध बालकों ने बताया कि घटना दिनांक को रात्रि में वे सभी इकट्ठा थे उसी समय जोमैटो डिलीवरी ब्वॉय सुनील वर्मा वहां से गुजरा तो उनहोने लूट की नीयत से उसे रोका। केतन (परिवर्तित नाम) ने सुनिल वर्मा के चेहरे पर एक रुमाल डाल दिया । मृतक के साथ आरोपियों की छीना छपटी व संघर्ष हुआ जिसके दौरान आरोपी विशाल ने अपने पास रखे चाकू से सुनिल के सीने पर पर दो वार किये और उसका पर्स छीनकर मौके से भाग गये । पर्स में निकले चार हजार रुपये आरोपियों ने आपस में बांट लिये । घायल होने पर सुनिल वर्मा स्वयं गाडी चलाकर अरविन्दो अस्पताल पहूचा जहाँ गार्ड की मदद से उसे भर्ती किया जाकर इलाज प्रारंभ किया गया । सुनिल वर्मा के भाई को गार्ड व्दारा सूचना मिलने पर वह अरविन्दो पहूचा तथा अपने भाई से घटना के विषय में बातचीत की तथा अरविन्दो में इलाज न कराते हुए एमवायएच में ले जाने की लिखित सहमति देकर सुनिल को एमवायएच अस्पताल ले गये जहाँ इलाज के दौरान दिनांक 29.07.2022 को सुनिल की मृत्यु हो गई ।
उक्त जघन्य एवं अंधे कत्ल का खुलासा पुलिस ने परम्परागत मैदानी पुलिसिंग के आधार पर 11 दिन तक लगातार पूछताछ के बाद किया । वारदात को अंजाम देने वाले सभी 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया हैं तथा घटना में इस्तेमाल किया गया छुरा आरोपी विशाल की निशादेही से जत कर लिया गया । प्रकरण में अग्रिम विवेचना जारी है ।
आरोपियों में दो आरोपी विशाल और अर्जुन बालिक है तथा अन्य चार विधि विवादित अपचारी बालक है जिन्हें संबंधित न्यायालय में पेश किया जाएगा ।
उक्त अंधकत्ल के खुलासे में वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में थाना प्रभारी बाणगंगा निरी राजेन्द्र सोनी, उनि राहुल काले , सउनि दिनेश त्रिपाठी, कार, प्रआर राजीव यादव, प्र.आर . शैलेन्द्र मीणा , आर.मालाराम , आर.रविन्द्र आर हीरामणि, आर प्रदीप, आर राजकुमार चौबे एवं आर.दीपक जाट के व्दारा अत्यधिक परीश्रम के साथ लगातार दिन मेहनत की जिससे पुलिस इस हत्याकांड का खुलासा कर सकी। पुलिस आयुक्त महोदय व्दारा 30,000 / – रुपये के पुरस्कार से पूरी टीम को पुरस्कृत करने की घोषणा की गई है ।