पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर जमकर संस्था है उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आंगनवाड़ियों में जनभागीदारी बढ़ाने के लिए ठेला लेकर खिलौने लेने के लिए निकलने हैं। लेकिन आंगनवाड़ियों में कई परेशानियां है जिस पर देने की जरूरत है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि जब जिम्मेदारी निभाने का समय होता है तब मुख्यमंत्री भाग कर नाटक- इवेंट और नौटंकी में लग जाते हैं। कमलनाथ ने कहा कि वह जनता से सहयोग मांग रहे हैं कि पुराने खिलौने व सामग्री एकत्रित कर रहे हैं…? यहां बेहद शर्मनाक है। इस कार्यक्रम को भी इवेंट बनाकर इसके प्रचार-प्रसार में ही अब तक कई करोड़ो रुपए खर्च किए जा चुके हैं। जबकि खर्च की गई इस राशि से आंगनवाड़ियों की दशा व दिशा भी सुधारी जा सकती थी। शिवराज सरकार ने हाल ही में विधानसभा में स्वीकारा है कि मध्य प्रदेश में अभी भी 1032166 बच्चे कुपोषित हैं इसमें से 6 लाख 30 हजार 90 बच्चे कुपोषित की श्रेणी में आते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कुपोषण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मध्यप्रदेश कुपोषण के मामले में देश में शीर्ष स्थान पर पहुंच चुका है।
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आज जरूरी है कि बच्चों को ठीक से पोषण आहार मिले, वह सुपोषित हो, आंगनवाड़ी के बच्चों को सभी सुविधाएं मिले और इसको लेकर ठीक पर परियोजना बने और इनके नाम पर जो योजनाएं चली आ रही है उस में हो रहे भ्रष्टाचार व घोटालों पर रोक लगे। लेकिन हमारे मुख्यमंत्री शिवराज एक बार भी जिम्मेदारी निभाने के बजाए भागकर अब ठेला लेकर सड़कों पर निकल पड़े हैं।
कमलनाथ ने आगे कहा कि एक ठेला इवेंट में स्थितियां कैसे सुधरेगी यह भी आपको प्रदेश की जनता को बताना चाहिए, क्या आपके ऐसा करने से बच्चे सुपोषित हो जाएंगे? शिशु मृत्यु दर के आंकड़े क्या कम हो जाएंगे? आंगनवाड़ियों की अव्यवस्था क्या दूर हो जाएगी। अब क्या सरकारी खजाने से आंगनवाड़ियों के बच्चों की मदद नहीं की जा सकती। क्या उन्हें खिलौने नहीं दे सकते? अब क्या सरकार इसके लिए भी सक्षम नहीं है। इस भयावह एवं गंभीर स्थिति के बाद तो आवश्यकता है कि रोकथाम के लिए ठोस कार्य हो, अच्छी से अच्छी परियोजना बने और उस पर काम हो। क्योंकि सभी चाहते है कि आंगनवाड़ियों की स्थितियां सुधरे, पोषण दूर हो, बच्चे स्वस्थ और सुरक्षित हो।
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए आगे यह भी कहा कि क्या प्रदेश का खजाना सिर्फ इवेंट आयोजन अभियान या फिर खुद के प्रचार-प्रसार पर लुटाने के लिए है। करोड़ों के चुनावी आयोजन के लिए है? प्रदेश के भांजे-भांजी का इस पर क्या कोई हक नहीं है? कुपोषण की वर्तमान स्थिति, शिशु मृत्यु दर, लापता बच्चों के आंकड़े, आंगनवाड़ी की वर्तमान एवं वास्तविक स्थिति की जानकारी भी जनता को बताना चाहिए, जिनके समर्थन का दावा किया जा रहा हैं।
पता नहीं यह सरकार कब इवेंट आयोजन नाटक-नौटंकी से बाहर निकलेगी कब अपनी जिम्मेदारियों का इमानदारी पूर्वक निर्वहन करेगी…?