सरकारी कर्मचारियों को जनरल प्रोविडेंट फंड के ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है. जनवरी से मार्च तिमाही के लिए GPF की दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है. इससे पहले, तीसरी तिमाही में भी ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं हुआ था और अब भी सरकार ने कोई परिवर्तन नहीं किया है. सरकारी कर्मचारियों को अब चौथी तिमाही में भी ब्याज 7.1 फीसदी ही दिया जाएगा.
वित्त मंत्रालय ने अपने 3 जनवरी को जारी किए गए नोटिफिकेशन में कहा है कि यह दर 1 जनवरी 2023 से लेकर 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगी. जीपीएफ केंद्र सरकार की एक सोशल सिक्योरिटी स्कीम है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि राज्य रेलवे निधि, अंशदायी भविष्य निधि, सशस्त्र कर्मिक भविष्य निधि और अखिल भारतीय सेवा भविष्य निधि के साथ अन्य सरकारी भविष्य निधि के ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया है. यह चौथी तिमाही में 7.1 फीसदी है.
GPF क्या है और किसके लिए?
जनरल प्रोविडेंट फंड अकाउंट केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए खोला जाता है. यह ईपीएफ की तरह ही रिटायमेंट फंड स्कीम है. सरकारी कर्मचारियों को इस खाते के तहत 15 फीसदी का योगदान देने की अनुमति होती है. इस अकाउंट की खास बात है कि कर्मचारी जरूरत पड़ने पर GPF अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं और बाद में उसे जमा किया जा सकता है. इसमें सरकार की ओर से योगदान नहीं दिया जाता है, यह सिर्फ सरकारी कर्मचारियों की ओर से ही योगदान दिया जाता है.
छोटी बचत योजना के ब्याज में हुई थी बढोतरी
इससे पहले सरकार ने 30 दिसंबर को छोटी बचत योजना में निवेश करने वाले लोगों के लिए कुछ योजनाओं के ब्याज में बदलाव किया था. छोटी बचत योजनाओं के तहत सरकार ने 0.20 फसीदी से लेकर 1.10 फीसदी ब्याज बढ़ाया था. छोटी बचत योजनाओं के तहत सिर्फ दो स्कीम के ब्याज में कोई बदलाव नहीं किया गया, जिसमें सुकन्या समृद्धि योजना और पीपीफ शामिल हैं.