देश की दिग्गज मोटरव्हीकल कंपनी टाटा मोटर्स दो हिस्सों में बटने का निर्णय लिया है। इसको लेकर बोर्ड ने कंपनी के कारोबार को दो अलग-अलग लिस्टेड कंपनियों में बांटने के लिए मंजूरी दी है। बता दें कंपनी का पहला हिस्सा कमर्शियल व्हीकल के लिए होगा। तो वहीं, दूसरा पैसेंजर व्हीकल बिजनेस के लिए। जानकारी के अनुसार इस कदम का उद्देश्य तालमेल का लाभ उठाना और ग्रोथ को बढ़ावा देना है।
जानकारी के अनुसार कंपनी का यह विभाजन 2022 में पीवी और ईवी कारोबारों को अलग-अलग करने की तर्ज पर है। इससे जवाबदेही के साथ अपनी विकास रणनीतियों को आगे बढ़ाने का अधिकार मिलता है। कमर्शियल व्हीकल बिजनेस और उससे संबंधित निवेश एक इकाई में रखे जाएंगे। जबकि दूसरी इकाई में पैसेंजर व्हीकल बिजनेस, जिसमें पीवी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, जगुआर, लैंड रोवर और संबंधित निवेश को शामिल किया जाएगा।
कंपनी के अनुसार पूरी प्रक्रिया 12-15 महीनों के भीतर पूरी सकती है। इतना ही नही टाटा मोटर्स के कमर्शियल व्हीकल, पैसेंजर व्हीकल और जगुआर लैंड रोवर बिजनेस 2021 से ही अपने-अपने सीईओ के अधीन अलग-अलग काम कर रहे हैं। कंपनी ने बताया कि बेशक कमर्शियल व्हीकल और पैसेंजर व्हीकल बिजनेस के बीच सीमित कनेक्शन हैं। लेकिन, तीनों बिजनेस में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण चीजें हैं जिनका कंपनी फायदा उठाना चाहती है।
सोर्स की माने तो टाटा मोटर्स इस फैसले से इलेक्ट्रिक व्हीकल्स, सेल्फ-ड्राइविंग कार्स और कार सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में। कंपनी को भरोसा है कि इस डिमर्जर का कर्मचारियों, ग्राहकों या बिजनेस पार्टनर्स पर कोई प्रतिकूल असर नहीं पड़ेगा। इसकी जानकारी चेयरपर्सन चंद्रशेखरन दी है।