मुंबई हाई कोर्ट का बड़ा फैसला: बिना भेदभाव के हो नौकरी के लिए एक ही मानदंड

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मुंबई, महाराष्ट्र: मुंबई हाई कोर्ट ने एक महिला अभ्यर्थी द्वारा किए गए याचिका के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला दिया है, जिसमें कहा गया है कि एक ही प्रकार की नौकरी के लिए अलग-अलग मानदंड नहीं हो सकते. कोर्ट ने उत्कृष्ट न्यायालय के जस्टिस जी.एस. कुलकर्णी और जस्टिस जितेंद्र जैन की अदालत में एक अंतरिम आदेश जारी किया, जिसमें महिला अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग मानदंड को खारिज किया गया है.

महिलाओं के लिए एक ही मानदंड

याचिका की विजय: मुंबई हाई कोर्ट ने महाराष्ट्र के विभिन्न नगर निगमों द्वारा दमकल कर्मी के पद के लिए महिला अभ्यर्थियों के लिए अलग-अलग मानदंड तय करने के खिलाफ कदम उठाया है. कोर्ट ने कहा की – महिला अभ्यर्थियों को इस प्रकार के भेदभावपूर्ण नियमों से परेशान नहीं किया जा सकता है। जिसके बाद पीठ ने अपना अंतरिम आदेश जारी करते हुए महिला याचिकाकर्ताओं को चयन प्रक्रिया में सम्मिलित करने का पुणे नगर निगम को निर्देश दिया है।

निर्देश: दरअसल कोर्ट, दमकलकर्मी के पद के लिए पुणे नगर निगम में दमकल विभाग में आवेदन करने वाली 4 महिलाओं की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। जिसके बाद यह निर्णय उनकी याचिका पर लिया गया। हालांकि फैसला अंतिम आदेश के अधीन होगा।

अगली सुनवाई की तारीख तय

नवंबर में अगली सुनवाई: कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख को 9 नवंबर के रूप में तय किया है। इसके साथ ही, कोर्ट ने प्रदेश सरकार और पुणे नगर निगम से उनके जवाबी हलफनामे दाखिल करने के लिए कहा है।