Best Mileage Cars : पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों ने लोगों को सीएनजी कारों की ओर आकर्षित किया है। जहां सीएनजी वाहनों को पर्यावरण के लिहाज से बेहतर माना जाता है, वहीं ये कम लागत में अधिक माइलेज देने का दावा भी करते हैं। अब सवाल यह उठता है कि सर्दियों में, पेट्रोल और सीएनजी कारों में से कौन सा वाहन ज्यादा माइलेज देगा। चलिए, जानते हैं इस बारे में।
पेट्रोल और CNG कारों का माइलेज
माइलेज का आंकलन करते वक्त कई कारक प्रभाव डालते हैं, लेकिन एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि सीएनजी कारों का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे कम प्रदूषण करती हैं और बेहतर माइलेज देती हैं। हालांकि, सर्दियों में सीएनजी के सिलेंडर की गैस जमने लगती है, जिससे इन कारों का माइलेज पेट्रोल की तुलना में घट सकता है। दूसरी ओर, पेट्रोल कारों में गैस जमने का कोई खतरा नहीं होता, जिससे सर्दियों में ये ज्यादा माइलेज देती हैं।
ठंड के मौसम में सीएनजी की गैस जमने लगती है, जो कार के प्रदर्शन पर असर डालता है। इस कारण सर्दियों में सीएनजी कारों का माइलेज पेट्रोल कारों से कम हो सकता है। वहीं पेट्रोल कारें सर्दियों में बिना किसी परेशानी के अपना सामान्य माइलेज देती हैं क्योंकि पेट्रोल में गैस जमने की समस्या नहीं होती।
कौन-सी कार देती है ज्यादा माइलेज?
अगर आप चाहते हैं कि आपकी सीएनजी या पेट्रोल कार सर्दियों में भी अच्छा माइलेज दे, तो इसका सही रखरखाव बेहद जरूरी है। नियमित सर्विसिंग, कार के टायरों की जांच और ड्राइविंग स्टाइल को सुधारने से कार का माइलेज बेहतर हो सकता है। खराब ड्राइविंग, जैसे तेज़ रफ्तार से गाड़ी चलाना या बार-बार ब्रेक लगाना, माइलेज पर नकारात्मक असर डालता है।
सीएनजी कारें कई फायदे देती हैं, लेकिन इनमें एक बड़ी समस्या होती है – बूट स्पेस की कमी। सीएनजी सिलेंडर को रखने के लिए कार के बूट में पर्याप्त जगह नहीं होती, जिससे आपको बूट स्पेस से समझौता करना पड़ता है। हालांकि, टाटा मोटर्स और हुंडई ने इस समस्या को हल कर दिया है। इन कंपनियों ने ऐसी सीएनजी कारें लॉन्च की हैं जिनमें सीएनजी सिलेंडर के साथ-साथ पूरा बूट स्पेस भी मौजूद है। लेकिन, फिलहाल बाकी कंपनियों की सीएनजी कारों में यह समस्या बनी हुई है।
अगर आप सर्दियों में कार खरीदने का सोच रहे हैं और माइलेज आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण कारक है, तो पेट्रोल कार आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है। हालांकि, सीएनजी कारें भी बेहतर माइलेज और पर्यावरण के लिए अच्छा विकल्प हैं, लेकिन सर्दियों में इनका माइलेज पेट्रोल से कम हो सकता है। साथ ही, बूट स्पेस की समस्या भी सीएनजी कारों के साथ होती है, लेकिन टाटा और हुंडई जैसे ब्रांड्स इस मामले में समाधान पेश कर रहे हैं।