इंदौर : कोरोना जैसी बीमारी को अपने हौसलों और एक दूसरे की मदद से 80 वर्ष की उम्र के पड़ाव पर घर पर ही धैर्य , आत्म शक्ति से मात देकर अल्ताफ (अब्दुल हुसैन सैफी) ने मिसाल कायम की जबकि उन्हें जाँच रिपोर्ट देख कर डाक्टरों ने क्रिटिकल केस बता कर उपचार हेतु अस्पताल में भर्ती होने का परामर्श दिया था। उनके पुत्र मुस्तुफा सैफी ने बताया की रमज़ान माह शुरू हो चुका था उनके पिता और परिवार रोज़ेे रख इबादत कर रहे थे अचानक 12 वें रोजे के दिन 23 अप्रैले से संक्रमण का प्रभाव तेजी शुरू हुआ
डॉ. बुरहानुद्दीन जावद वाला को दिखाया विभिन्न जाँच एवं रिपोर्ट के बाद साँसो को फूलते देख डॉक्टर जावदवाला ने अस्पताल में भर्ती करने का परामर्श दिया। उस समय के हालत देख कर मुस्तुफा की माताजी ज़हरा सैफी ,पुत्री फातेमा सैफी और नातिन अलेफिया सैफी ने आका मौला TUS सैयदना मुफद्दल सैफुद्दीन पर यकीन करते हुए, घर पर ही इलाज करने का फैसला लिया, इस पर पूरे परिवार ने सहमति जताई। डॉक्टर ने चेताया भी की इस पर जिम्मेदारी आपकी होगी।
मदद के लिए सभी साथ आये-
परिवार के 80 वर्षीय मुखिया की हालत, घबराहट और सांसों की तकलीफ से पूरा सैफी परिवार चिंतित था ऐसे में दोस्त ,रिश्तेदारों के साथ समाज के लोगों ने आकसीजन सिलेंडर जुटा कर घर तक पहुँचाने तक की मदद की जिनमे तसनीम रामपुरवाले की दोस्त बतुल नूरखान सबसे पहले गैस से भरा सिलेंडर लेकर पहुँची, जिससे मरीज की उखड़ती साँसों को राहत मिली।
डॉक्टरी सलाह अनुसार समय समय पर दवा भी जारी रही, साथ की रमज़ान के दौरान टीवी से प्रसारित होने वाली कुरान की मजलिस, आका मौला के बयान एवं मातम की मजलिस भी देखते रहे, जिससे संक्रमण ग्रस्त अल्ताफ (अब्दुल हुसैन सैफी )को सकारात्मक ऊर्जा के साथ हिम्मत मिलती रही। धीरे धीरे उनके स्वास्थ्य में सुधार शुरू हुआ और ईद के आसपास स्वस्थ्य हो चुके थे।
इलाज के दौरान चार से पांच जम्बो एवं इतने ही छोटे ऑक्सीजन सिलेंडर लगे। इस दौरान सैफी एम्बुलेंस, बुरहानी डायग्नोस्टिक्स सर्विस, रिश्तेदारो ने बहुत हिम्मत , हौसला और मदद की दोस्तों ने हर समय हौसला बढ़ाया एम .एस. बी. स्कूल स्टाफ का भी सराहनीय योगदान मिलता रहा। जिसके के लिये हम सब लोगों के ह्रदय से आभारी हैं। अधिक जानकारी के लिए आप पुत्र मुस्तफा सैफ़ी से इस न. 9104653000 पर सम्पर्क कर सकते है।।।