विश्व का भव्यतम देवालय होगा अयोध्या का निर्माणाधीन ‘Ram Mandir’, 1800 करोड़ है अनुमानित लागत

Shivani Rathore
Updated on:

“गंगा बड़ी गोदावरी, तीरथ बड़े प्रयाग
सबसे बड़ी अयोध्या जहां राम लिए अवतार”

सत्य सनातम धर्म का एक प्रमुखतम तीर्थ स्थान है उत्तरप्रदेश में स्थित अयोध्या (Ayodhya) धाम। भगवान श्रीराम के जन्मस्थान के रूप में यह पवित्र तीर्थ सनातन धर्म के अनुयाइयों और विश्व भर के भगवान राम के भक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। ज्ञातव्य है कि अयोध्या में भगवान श्रीराम का मंदिर भव्य स्वरूप में निर्मित हो रहा है, जिसका निर्माण जोर-शोर से जारी है । उल्लेखनीय है कि 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने राम मंदिर निर्माण की आधारशिला रखी थी और तब से मंदिर का निर्माण कार्य निरतंर जारी है।

Also Read-Stock Market : इस कम्पनी के Share ने 5 साल में दिया लगभग 10 गुना रिटर्न, जानिए क्या है नाम और काम

1800 करोड़ है अनुमानित लागत

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अयोध्या में निर्माणाधीन राममंदिर की अनुमानित लागत 1800 करोड़ रुपए है। राम मंदिर के निर्माण के आरम्भ के समय इस बहुप्रतीक्षित मंदिर की अनुमानित लागत 400 करोड़ रुपए के आस-पास थी, परन्तु जैसे -जैसे निर्माण आगे बड़ा मंदिर की लागत में भी बढोत्तरी होती गई। जानकारी के अनुसार अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर विश्व का एक भव्यतम मंदिर के रूप में निर्मित किया जा रहा है।

Also Read-MP Weather : आने वाले तीन दिनों में इन 12 जिलों में हो सकती है भारी बारिश, मौसम विभाग ने दी चेतावनी

सीआरपीएफ कर रही है सुरक्षा

सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अयोध्या के बहुप्रतीक्षित श्रीराम मंदिर की सुरक्षा की जिम्मेदारी केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) को सौंपी गई है। ज्ञात्वय है कि श्रीराम जन्म भूमि जिसपर यह भव्य मंदिर निर्मित हो रहा है कालांतर में विवाद से ग्रस्त रही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा विवाद का अंत करते हुए उक्त स्थान पर भगवान राम के मंदिर निर्माण की अनुमति प्रदान की थी।

इस दिन विराजेंगे मंदिर में रामलला

जानाकारी के अनुसार श्री राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट का फैसला है कि वर्ष 2024 में मकर संक्रांति के दिन मंदिर में रामलला विराजमान होंगे। ज्ञातव्य है कि मकर संक्रांति पर्व एक मात्र ऐसा पर्व है जोकि सूर्य देवता के अनुरूप मनाया जाता है, जबकि अन्य सभी त्यौहार चन्द्रमा की कलाओं पर आधारित होते हैं। भगवान राम सूर्यवंश में अवतरित हुए है, इसलिए यह दिन विशिष्ट महत्व का है।