कोरोना की दूसरी लहर का कहर अब भी देशभर जारी है, वहीं तीसरी लहर की ‘दस्तक’ ने हैरान कर दिया है, लेकिन इन सब सबसे ज्यादा चिंता वाली बात यह सामने आई थी की इस नई लहर में ये कोरोना वायरस बच्चो को अपना शकार बना सकता है, जिस कारण माता- पिता बच्चो की सेहत के लिए काफी चिंतित हो गए है और कई राज्यों ने अभी से इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है, ऐसे में आज AIIMS के निदेशक रणदीप गुलेरिया ने एक न्यूज़ चैनल से बात करने के दौरान इस नई लहर से जुड़े सभी सवालों का जवाब दिया है।
क्या आ सकती है तीसरी लहर?
इस सवाल का ज़वाब देते हुए डॉ गुलेरिया ने कहा कि “अगर आप सांस संबंधी वायरस की बात करें तो हम यही देखते हैं कि वो लहरों में ही आते हैं, अगर हम 1918 की बात करें जब महामारी आई थी जिसमें बहुत लोग मारे गए थे, यहां भी तीसरी लहर आई थी,लेकिन तीसरी लहर में जो मामले थे वो दूसरी लहर की तुलना में काफी कम थे।”
क्या है इन नई लेहरो का कारण-
लहर को लेकर जब उनसे सवाल किया गया तो इस बात के जवाब भी उन्होंने दिया और बताया कि – ‘वायरस लहरों में इसलिए आता है कि जब मामले कम होने लगते हैं तो पाबंदियां खुलने लगती हैं, लोग एहतियात बरतना कम कर देते हैं, इससे वायरस को फिर से फैलने का मौका मिलता है जिससे फिर से केस बढ़ने लगते हैं और मामले बढ़ने लगते हैं।’
साथ ही उन्होंने लगातार कोरोना नियमों के पालन की रे दी है और कहा है कि नया म्यूटेट भी आता है, अगर हम मास्क लगाएंगे, दो गज की दूरी रखेंगे तो वो वैरिएंट भी नहीं फैल पाएगा और मामले ज्यादा नहीं बढ़ेंगे, वायरस म्यूटेट होकर ऐसे लोगों को फैल जाता है जो पिछली बार बच गए थे या जिन्हें इन्फेक्शन नहीं हुआ।