नई दिल्ली,15 सितंबर 2021, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने आज संघ राज्य क्षेत्रों का सम्मेलन आयोजित किया। इसमें संघ राज्य क्षेत्रों में कृषि के विकास को लेकर विस्तृत चर्चा की गई। इस अवसर पर केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है,इसी अनुरूप अनेक ऐसी योजनाएं चलाई जा रही है, जिनके बारे में कभी कल्पना भी नहीं की गई थी। एक लाख करोड़ रूपए के फंड से सरकार किसानों के खेतों के पास इंफ्रास्ट्रक्टचर बनाने खड़ी हुई है। कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने डेढ़ लाख करोड़ रू. से ज्यादा राशि विशेष पैकेजों के रूप में उपलब्ध कराई है, जिसके अंतर्गत प्रोजेक्ट प्रस्तुत करते ही कृषि मंत्रालय की टीम बैंकर्स से इन्हें मंजूर कराएगी। देशभर में गांव-गांव और खेतों के पास तक इंफ्रास्ट्रक्चर बन जाने पर किसान अपनी उपज को कुछ समय रोककर बाद में वाजिब दाम पर बेच सकेंगे।
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सम्मेलन में जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा, अंडमान-निकोबार के उप राज्यपाल श्री डी.के. जोशी, लद्दाख के उप राज्यपाल श्री राधाकृष्ण माथुर, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री श्री कैलाश चौधरी व सुश्री शोभा करंदलाजे, सचिव श्री संजय अग्रवाल, संघ राज्य क्षेत्रों के मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, कृषि आयुक्त, अन्य वरिष्ठ अधिकारी तथा प्रगतिशील किसान भी शामिल हुए।
केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने सम्मेलन के दौरान कहा कि कृषि का क्षेत्र देश में अर्थव्यवस्था के साथ ही हर दृष्टि से महत्वपूर्ण है, इसीलिए प्रधानमंत्री श्री मोदी का जोर है कि कृषि को बढ़ावा देने के लिए हरसंभव प्रयत्न किए जाएं, फलस्वरूप अनेक योजनाएं संचालित की रही है। इनका शत-प्रतिशत क्रियान्वयन पूरी पारदर्शिता से हो रहा है। श्री तोमर ने कहा कि संघ राज्य क्षेत्र व केंद्र सरकार एक ही परिवार है, वहां योजनाओं का सुचारू संचालन होगा, तो सभी राज्यों में भी बेहतर क्रियान्वयन करने में ताकत मिलेगी।
केंद्र की किसी भी योजना के लिए फंड की कहीं-कोई कमी नहीं है और सहयोग के लिए सरकार पूरी ताकत से खड़ी हुई है। सभी, टीम भावना से मिलकर परिश्रम करें तो सफलता जरूर मिलेगी श्री तोमर ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के तहत किसानों को वित्तीय मदद के लिए प्रधानमंत्री जी ने इस साल सोलह लाख करोड़ रूपए का लक्ष्य रखा है, जिसमें से अभी चौदह लाख करोड़ रूपए किसान उपयोग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री द्वारा पिछले साल फरवरी में प्रारंभ किए गए केसीसी के अभियान के बाद से सालभर में कोऱोना के बावजूद राज्यों व बैंकों के सहयोग से दो करोड़ से ज्यादा किसानों को लगभग ढाई लाख करोड़ रूपए उपलब्ध हुए है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम- किसान) योजना पारदर्शिता व गतिशीलता की अनूठी मिसाल है, जिसमें 11.37 करोड़ किसानों को 1.58लाख करोड़ रूपए सीधे उनके बैंक खातों में जमा कराए गए हैं। इसमें कोई भ्रष्टाचार नहीं, न ही अमानत में खयानत, यह बदली हुई व्यवस्था में टेक्नालाजी की सहायता से एक प्रकार का चमत्कार ही है।
उन्होंने बताया कि डिजीटल एग्रीकल्चर मिशन के तहत साढ़े पांच करोड़ किसानों का डाटाबेस तैयार हो चुका है, दिसंबर तक यह आठ करोड़ तक पहुंच जाएगा। उन्होंने संघ राज्य क्षेत्रों से इसमें सहयोग का आग्रह किया। श्री तोमर ने कहा कि कम रकबे में वैश्विक मानकों के अनुरूप महंगी फसलों तथा आयल पाम की खेती के लिए संघ राज्य क्षेत्रों में काफी संभावनाएं है। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के प्रवास के दौरान भी वहां खेती क्षेत्र में उन्हें काफी उत्साह का वातावरण देखने को मिला है।
जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल श्री मनोज सिन्हा ने, राज्य में कृषि व संबंधित क्षेत्रों के विकास में विशेष रूचि लेते हुए कृषि अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री श्री मोदी व कृषि मंत्री श्री तोमर के प्रति आभार जताया। श्री सिन्हा ने कहा कि कृषि मंत्री जी पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के दौरे पर थे और वहां के कृषि क्षेत्र की व्यवस्था का उन्होंने स्वयं जायजा लिया व श्री तोमर ने जम्मू-कश्मीर में किसानों की सुविधा के लिए आन स्पॉट कई निर्णय लिए।
खासकर, ग्रामीण कृषि मौसम सेवा, मेगा बीज इकाई के अंतर्गत जीन बैंक, कोल्ड स्टोरेज, संस्थागत विकास योजना व एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के जरिए किसानों को हाई डेंसिटी प्लांटेशन के इंफ्रास्ट्रक्चर से जोड़ने की पहल के लिए श्री तोमर के प्रति श्री सिन्हा ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ये सुविधाएं राज्य के विकास के लिए मील का पत्थर साबित होगी। श्री सिन्हा ने सराहना करते हुए कहा कि पहली बार किसी मंत्रालय ने इस तरह सभी संघ राज्य क्षेत्रों के लिए सम्मेलन का आयोजन किया है। उन्होंने बताया कि पिछले एक साल में जम्मू-कश्मीर में परंपरागत कृषि व हार्टिकल्चर में तमाम नई योजनाएं शुरू की गई है, जिससे बड़ा सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन आया है। श्री सिन्हा ने कहा कि हम किसानों की आय बढ़ाने के लिए मोदी जी के लक्ष्य के अनुरूप काम करेंगे।
अंडमान-निकोबार के उप राज्यपाल श्री डी.के. जोशी ने कहा कि राज्य में कृषि का रकबा बढ़ाने व लोगों को कृषि की ओर आकर्षित करने के लिए पूरे प्रयत्न किए जा रहे हैं। नारियल की खेती को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अंडमान-निकोबार में आयल पाम की खेती काफी समय से हो रही है, अब केंद्र सरकार ने भी आयल पाम मिशन प्रारंभ किया है। इसमें विधान अनुरूप सहयोग का उन्होंने भरोसा दिलाया। सम्मेलन का संचालन केंद्रीय कृषि मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री विवेक अग्रवाल ने किया। इस दौरान अधिकारियों ने प्रेजेन्टेशन दिए। सम्मेलन में कृषि संबंधी केंद्र की योजनाओं की प्रगति संघ राज्य क्षेत्रों के परिप्रेक्ष्य में बताई गई और आगे की रूपरेखा को लेकर विचार-विमर्श किया गया।