बिहार में अगले साल विधानसभा चुनाव (2025) के मद्देनजर राज्य की राजनीति में सरगर्मियां तेज हो गई हैं। कयास लगाए जा रहे हैं कि एनडीए (NDA) में कुछ ठीक नहीं चल रहा है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बीजेपी से नाराज हैं। हाल ही में नीतीश कुमार का दिल्ली दौरा भी चर्चा का विषय बना, क्योंकि उन्होंने ना तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ना ही BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की, जबकि इस दौरान यह उम्मीद जताई जा रही थी कि वे एनडीए के नेताओं से बातचीत कर सकते हैं।
दिल्ली से लौटने के बाद, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को बिहार के नवनियुक्त राज्यपाल आरिफ मोहम्मद से मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं दी। इस मुलाकात में केरल के नवनियुक्त राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर भी उपस्थित थे। सीएम ने दोनों को अंगवस्त्र और फूलों का गुलदस्ता भेंट कर उनका स्वागत किया। बता दें कि बिहार के नए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद सोमवार को पटना पहुंचे थे और उन्हें 2 जनवरी को शपथ दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दिल्ली गए थे। हालांकि, उनका दिल्ली दौरा किसी रुटीन चेकअप के लिए था। पहले दिन उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिजनों से मुलाकात की। इस दौरान राजनीतिक हलकों में यह कयास लगाए जा रहे थे कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा से मुलाकात कर सकते हैं, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
RJD का नीतीश कुमार पर तंज
सीएम नीतीश कुमार के पीएम मोदी और जेपी नड्डा से मुलाकात नहीं होने पर आरजेडी (RJD) ने उन पर तंज कसा। आरजेडी का कहना था कि बीजेपी ने नीतीश कुमार को नजरअंदाज किया है और जल्द ही जेडीयू को तोड़ने की कोशिश करेगी। इसके साथ ही उन्होंने यह भी दावा किया कि बीजेपी, नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद से हटा सकती है। इस बयान पर जेडीयू ने पलटवार करते हुए कहा कि आरजेडी को अपनी चिंता करनी चाहिए। जेडीयू प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में नीतीश कुमार एनडीए के चेहरे होंगे और उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा।
नीतीश कुमार को लेकर सियासी अटकलें
नीतीश कुमार की सियासी रणनीति हमेशा से ही चौंकाने वाली रही है, क्योंकि वे कई बार पाला बदल चुके हैं। इस बार विधानसभा चुनाव से पहले राजनीतिक गलियारों में यह चर्चा हो रही है कि नीतीश कुमार एनडीए छोड़ सकते हैं, क्योंकि उनके बीजेपी से रिश्ते तनावपूर्ण बताए जा रहे हैं। हालांकि, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ये केवल बेमतलब की बातें हैं। वहीं, आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र ने कहा कि अगर नीतीश कुमार सांप्रदायिक ताकतों से दूरी बनाते हुए उनके साथ आते हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा।