बागेश्वर सरकार के बाद MP में हुआ पंडित प्रदीप मिश्रा का विरोध, भीम आर्मी ने सौंपा ज्ञापन, पढ़े पूरी खबर

Share on:

कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले अपनी शिव महापुराण को लेकर काफी ज्यादा चर्चाओं में है। बता दें कि आज उनकी शिव महापुराण किसी भी क्षेत्र में होती है, तो बड़ी संख्या में लोग दूर-दूर से उनकी शिवपुराण को सुनने के लिए जाते हैं। इतना ही नहीं जब से पंडित प्रदीप मिश्रा ने शिव महापुराण कथा को सुनाना चालू किया। इसके बाद देखी महिलाओं के बीच में भगवान शिव को लेकर एक अलग जी आस्था देखने को मिल रही है।

क्योंकि पंडित प्रदीप मिश्रा भगवान भोलेनाथ से जुड़े कई तरह के उपाय भी अपने कथा के दौरान बताते हैं। जिनको करने से कई लोगों के कष्ट भी दूर हुए हैं। ऐसे में भगवान भोलेनाथ को लेकर लोगों के बीच में काफी ज्यादा अच्छा बन गई है। शिव मंदिरों में सुबह से ही आपको भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिल जाएगी। प्रदीप मिश्रा की कथा हमेशा किसी ने किसी स्थान पर चलती रहती है।

ऐसे में अब 3 फरवरी से पंडित प्रदीप मिश्रा सीहोर वाले की कथा बुरहानपुर में होना है। लेकिन इससे पहला ही कथा पर संकट भी गहरा था हुआ नजर आ रहा है। कि तैयारियां भी जोर शोर से चल रही है पांडाल को तैयार किया जा रहा है। लेकिन इस बीच खबर आ रही है कि पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा कुछ समय पहले संविधान को लेकर दिए गए अपने बयान के बाद अब भीम आर्मी में उनके खिलाफ ज्ञापन सौंपा है और उनका विरोध भी किया है।

Also Read: बागेश्वर सरकार के समर्थन में आए बीजेपी नेता, कहा सनातन धर्म पर ही क्यों उठाए जाते है सवाल

बता दें कि भीम आर्मी के पदाधिकारी कलेक्टोरेट पहुंचे और उनका विरोध किया। वह इस विरोध को लेकर उनका कहना है कि पूर्व में एक कथा के दौरान पं. मिश्रा ने संविधान का अपमान किया था। इसको लेकर वह कलेक्ट्रेट पहुंचे इतना ही नहीं उन्होंने इस दौरान यह भी कहा है कि यहां भारतीय अधिनियम के तहत आपराधिक है। इस संबंध में एसपी राहुल कुमार लोढा को ज्ञापन देकर पंडित प्रदीप मिश्रा पर कार्रवाई की मांग की गई है।

इतना ही नहीं बुरहानपुर में होने वाली कथा को भी निरस्त करने की उन्होंने बात कही है। ज्ञापन के साथ उन्होंने कथा निरस्त को लेकर भी बातें कही है। वहीं इस विषय में संगठन के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दत्तु मेढे, जिलाध्यक्ष अधिवक्ता विजय मेढे ने बताया कि नर्मदापुरम में आयोजित कार्यक्रम में पंडित मिश्रा ने भारतीय संविधान को लेकर गैर वैधानिक एवं आपत्तिजनक टिप्पणी की थी। 7 मई को आयोजित इस इस कार्यक्रम में उन्होंने संविधान को लेकर बातें कही थी।